जालसाजी : धोनी, अभिषेक बच्चन व शिल्पा शेट्टी सहित कई सेलेब्रिटीज के PAN से बनाए क्रेडिट कार्ड और कर डाली लाखों रुपये की शॉपिंग
नई दिल्ली, 3 मार्च। साइबर धोखाधड़ी का एक विचित्र मामला सामने आया है, जिसमें जालसाजों के एक समूह ने कथित तौर पर कई बॉलीवुड अभिनेताओं और क्रिकेटरों के जीएसटी पहचान नंबर यानी जीएसटीआईएन (जो ऑनलाइन उपलब्ध हैं) से उनके पैन विवरण प्राप्त किए और पुणे आधारित फिनटेक स्टार्टअप ‘वन कार्ड’ से उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड बनवाए। इन क्रेडिट कार्ड से जालसाजों ने लाखों रुपये की खरीदारी भी कर डाली।
शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रोहित मीणा ने बताया कि धोखाधड़ी करने वालों ने अभिषेक बच्चन, शिल्पा शेट्टी, माधुरी दीक्षित, इमरान हाशमी और महेंद्र सिंह धोनी के नाम और उनके विवरण का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, ‘मामले की जांच जारी है, इसलिए हम इस पर और टिप्पणी नहीं कर सकते।’
दिल्ली पुलिस ने 5 जालसाजों को किया गिरफ्तार
कम्पनी को बाद में धोखाधड़ी का पता चला, तब तक जालसाजों ने इनमें से कुछ कार्ड का इस्तेमाल कर 21.32 लाख रुपये के उत्पादों की खरीदारी कर ली थी। इसके बाद कम्पनी ने तुरंत दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसने काररवाई करते हुए मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि पांचों आरोपितों की पहचान पुनीत, मोहम्मद आसिफ, सुनील कुमार, पंकज मिश्र और विश्व भास्कर शर्मा के तौर पर हुई है। इन्होंने बेहद असामान्य तरीके से कम्पनी को धोखा देने के लिए मिलकर काम किया। एक सूत्र ने कहा, ‘गिरफ्तारी के बाद आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि कैसे इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया। आरोपितों ने गूगल पर मौजूद मशहूर हस्तियों के जीएसटी विवरण का इस्तेमाल किया। उन्हें यह बात पता थी जीएसटीआईएन के पहले दो अंक राज्य का कोड और उसके बाद के 10 अंक पैन नंबर हैं।’
दिल्ली पुलिस के सूत्र ने कहा, ‘इन हस्तियों की जन्मतिथि भी गूगल पर मौजूद थी… पैन नंबर और जन्मतिथि मिलने से उन्हें पैन संबंधी आवश्यक विवरण हासिल हो गया। उन्होंने धोखे से पैन कार्ड को फिर से बनवाया और उस पर अपनी तस्वीर लगा दी, ताकि वीडियो सत्यापन के दौरान उनका चेहरा पैन/आधार कार्ड पर उपलब्ध तस्वीर से मेल खाए।’
सूत्र ने बताया कि उदाहरण के लिए अभिषेक बच्चन के पैन कार्ड में उनका पैन नंबर और जन्मतिथि थी, लेकिन आरोपितों में से एक की तस्वीर लगी थी। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह संदेह है कि आरोपितों ने अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों से क्रेडिट कार्ड हासिल करने के लिए भी यही तरीका अपनाया होगा।
पुणे स्थित कम्पनी ने पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा है, “एफपीएल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ‘वन कार्ड’ जारी करती है, जो एक संपर्क रहित क्रेडिट कार्ड है। साथ ही वन कार्ड और वन स्कोर एप के जरिए ऑनलाइन सेवाएं भी मुहैया कराई जाती हैं, ताकि ग्राहक इसे किसी वेबसाइट या एप पर ऑनलाइन लेन-देन या खरीदारी के लिए इस्तेमाल कर सकें।” कम्पनी ने आरोप लगाया कि इन जालसाजों ने अपने नाम पर जारी किए गए क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए पैन और आधार संख्या जैसे विवरण अपलोड करके एप के माध्यम से कम्पनी से संपर्क किया था।