देहरादून 30 नवम्बर। उत्तराखंड की धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है। इसकी घोषण खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड विधेयक को वापस लेने का निर्णय लिया है। बता दें कि देवस्थानम बोर्ड एक्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में बना था। इसके बाद दो साल पहले देवस्थानम बोर्ड की स्थापना की गई थी। यह बोर्ड चार धामों केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री से जुड़े 51 मंदिरों की देखरेख करता है।
पुरोहित इस बोर्ड के गठन का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि इस बोर्ड ने मंदिरों पर उनके परंपरागत अधिकार को खत्म कर दिया है। ज्ञात विधानसभा चुनाव से पहले भी देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा खूब उछाला जा रहा था। कांग्रेस के चुनाव प्रभारी हरीश रावत ने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि कांग्रेस की सरकार बनने पर देवस्थानम बोर्ड को खत्म कर दिया जाएगा।
धामी सरकार पर इसका भी बड़ा दबाव था। इससे पहले उत्तराखंड के चार धाम के पुरोहितों की संस्था ने भी कहा था कि चुनाव में वो 15 उम्मीदवार खड़ा करेगी। ये पुरोहित राज्य सरकार की ओर से बनाए गए देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे थे। इसके लिए पुरोहितों ने चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत समिति का गठन किया। समिति ने कहा कि वो बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेगी।