1. Home
  2. देश-विदेश
  3. प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल ने जातिगत जनगणना को लेकर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा?
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल ने जातिगत जनगणना को लेकर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल ने जातिगत जनगणना को लेकर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

0
Social Share

गाजियाबाद, 31 अक्टूबर। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल यादव ने जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की है। सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा लेकर गाजियाबाद पहुंचे श्री यादव ने रविवार को कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद सामाजिक न्याय और आर्थिक बराबरी में होती है लेकिन इस दौर में आर्थिक-सामाजिक गैर बराबरी चरम पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र की गद्दी पर बैठने वाले हुक्मरानों ने बड़ी चालाकी से पिछड़ों की संख्या का हिसाब ही न होने दिया। 1931 में आखिरी बार जाति आधारित जनगणना हुई थी।

1931 के जातिगत आंकड़ो के आधार पर 2021 में आरक्षण मिल रहा है। ऐसे में मांग है कि सरकार वर्तमान में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करे। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल नामकरण और निजीकरण तक सीमित है। इसका उद्देश्य कारपोरेट को फायदा पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि जानबूझ कर सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है। इससे कमजोर और वंचित तबके पर नकारात्मक असर हो रहा है और उन्हें आरक्षण का लाभ भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में उनकी पार्टी निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग करती हैं।

शिवपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के गठबंधन वाली पार्टी की ही सरकार बनेगी। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए भी एक जैसी विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ आना होगा। गठबंधन के लिए समाजवादी पार्टी उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि आज भी केंद्र सरकार की ग्रुप ए की नौकरियों में सवर्ण 68, ओबीसी 13, एससी 13, एसटी 6 प्रतिशत हैं।

देश के 496 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों में 448 सवर्ण हैं।

43 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 95 प्रतिशत प्रोफेसर, 92.9 प्रतिशत एसोसिएट प्रोफेसर, 66.27 प्रतिशत एसिसटेंट प्रोफेसर सवर्ण हैं। ऐसे में सरकार से मांग है कि सरकारी नौकरियों में सही मंशा और ईमानदारी के साथ दलितों-पिछड़ों को प्रतिनिधित्व मिले और बैकलॉग के जरिए सभी खाली सीटें भरी जाएं। शिवपाल ने कहा कि आज इस देश का नौजवान और किसान दोनों संकट में हैं। उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता महंगाई से परेशान है। प्रतिदिन डीजल-पेट्रोल, गैस और अन्य सामग्रियों के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। ऐसे में गरीब का चूल्हा जलना बंद हो गया है। नौजवान रोजगार के लिए भटक रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है। नए कृषि कानून लाकर किसानों को नुकसान पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। आंदोलन कर रहे किसानों पर लाठियां बरसाईं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत सरकार मंडियों को छीनकर कॉरपोरेट कंपनियों को देना चाहती है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code