पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट : महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु फांसी लगने से हुई, विसरा सुरक्षित रखा गया
प्रयागराज, 22 सितम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का बुधवार को पूर्वाह्न पोस्टमॉर्टम किया गया। पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि की मौत फांसी लगने की वजह से हुई है। हालांकि अभी विसरा को सुरक्षित रखा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच डॉक्टरों की टीम ने लगभग दो घंटे तक महंत नरेंद्र गिरि का पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों के पैनल में डॉ. लालजी गौतम, राजेश श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, बादल सिंह, राजेश कुमार राय शामिल थे। पोस्टमॉर्टम की पूरी वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
आनंद गिरि व आद्या तिवारी से हुई पूछताछ
दूसरी तरफ पुलिस इस मामले की जांच में भी जुटी है। इसी कड़ी में गिरफ्तार किए गए दिवंगत महेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि से करीब 12 घंटे तक पूछताछ हुई। पुलिस ने संगम किनारे लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी से भी पूछताछ की और दोनों को आमने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब किए।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ में आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि के बीच हुए विवाद के बारे में भी सवाल किए। आनंद गिरि को सुसाइड नोट दिखाया गया, हैंड राइटिंग को लेकर भी सवाल किया गया। हालांकि, आनंद गिरि ने बार-बार यही कहा, ‘महंत जी खुदकुशी नहीं कर सकते हैं, ये मेरे खिलाफ साजिश लग रही है।’
पूछताछ में बोला आनंद गिरी – उसका अब महंत जी से कोई विवाद नहीं था
उत्तराधिकार की जंग को लेकर जब सवाल हुआ तो आनंद गिरि ने कहा कि महंत जी ने जब तक उसे माफ नहीं किया था, वह हनुमान मंदिर नहीं गया था। उसने कहा कि उसका अब महंत जी से कोई विवाद नहीं था और न ही महंत जी किसी बड़ी परेशानी में थे।
पुलिस ने इस दौरान ब्लैकमेलिंग और चंदे में गड़बड़ी को लेकर भी सवाल किए। वहीं, हरिद्वार से आनंद गिरि के आश्रम से बरामद लैपटॉप, फोन और अन्य सामान को जांच के लिए भेजा गया है। आनंद गिरि को पहले हरिद्वार से ही हिरासत में लिया गया था, बाद में उसे गिरफ्तार कर प्रयागराज लाया गया। पुलिस ने गनर अजय समेत चार सुरक्षाकर्मियों से भी सवाल-जवाब किए।