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पुण्यतिथि : कैप्टन विक्रम बत्रा के उत्कृष्ट नेतृत्व को सलाम

पुण्यतिथि : कैप्टन विक्रम बत्रा के उत्कृष्ट नेतृत्व को सलाम

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अहमदाबाद: कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा को पाकिस्तानी सैनिकों ने ‘शेर शाह’ उपनाम दिया था। आप समझ रहे होंगे कि यह अपने आप में एक असाधारण उपलब्धि थी। लेकिन उससे पहले आपको इस बहादुर जवान के अविश्वसनीय कारनामों की जानकारी होनी चाहिए।

दुश्मनों को ऊंचाई पर मौजूदगी का अत्यधिक लाभ था और उन बिंदुओं पर नियंत्रण पाने के लिए भारतीय सेना के प्रयासों को विफल करने की वे उम्मीद लगाए बैठे थे। उन्होंने हमारे सैनिकों के कभी हार न मानने वाले दृष्टिकोण और हमारी मातृभूमि से किसी भी कीमत पर घुसपैठियों को खत्म करने के उनके दृढ़ संकल्प की उम्मीद नहीं की थी।

ऑपरेशन विजय के दौरान, कैप्टन विक्रम बत्रा ने अपनी टीम का नेतृत्व उन परिस्थितियों में किया, जिनसे जीवित लौटने की संभावना नगण्य थी। प्वॉइंट 5140 पर आक्रमण करते हुए कैप्टन विक्रम बत्रा ने शत्रुओं की भारी गोलाबारी का सामना करते हुए चार दुश्मन लड़ाकों को ढेर कर दिया।

इसके बाद कैप्टन विक्रम को प्वॉइंट 4875 पर कब्जा करने का काम सौंपा गया। उन्होंने दुश्मन के दुर्जेय गढ़ को भेदते हुए फिर पांच लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया।

गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद कैप्टन विक्रम ने बचे दुश्मन सैनिकों को खत्म करने के लिए ग्रेनेड हमले शुरू करने की ताकत जुटाई। हालांकि एक साथी सैनिक को सुरक्षित क्षेत्र की ओर खींचने का प्रयास करते वक्त कैप्टन विक्रम वीरगति को प्राप्त हुए, लेकिन तब तक वह भारत के लिए एक चमत्कारी जीत हासिल कर चुके थे। उनकी सबसे विशिष्ट व्यक्तिगत बहादुरी और दुश्मन के सामने उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए उन्हें परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

उनकी पुण्यतिथि पर मैं उन्हें नमन करता हूं। जय हिन्द!

(जनरल वी.के. सिंह की फेसबुक वॉल से साभार)

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