नारदा स्टिंग केस : बढ़ सकती हैं ममता की मुश्किलें, सीबीआई ने याचिका में मुख्यमंत्री का भी लिया नाम
कोलकाता, 19 मई। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारदा स्टिंग केस में राज्य सरकार के दो मंत्रियों व एक विधायक सहित चार नेताओं की गिरफ्तारी से विचलित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसकी वजह यह है केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस केस को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल एक याचिका में ममता बनर्जी का भी नाम लिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई द्वारा दायर याचिका में मुख्यमंत्री ममता और कानून मंत्री मलय घटक को पक्षकार बनाया गया है। इन दोनों के अलावा सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद और वकील कल्याण बनर्जी को भी पक्षकार बनाया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ही बंगाल सरकार के दो मंत्रियों – सुब्रत मुखर्जी व फरहाद हकीम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और टीएमसी के पूर्व नेता व कोलकाता के मेयर रह चुके शोभन चटर्जी की, जो अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं, याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी। याचिकाओं में इन नेताओं की गिरफ्तारी पर लगी रोक के आदेश को निरस्त करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया है। सीबीआई अदालत ने इन लोगों को जमानत दी थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने जमानत आदेश पर रोक लगा दी थी।
गिरफ्तार चारों नेताओं की ओर से पेश वकीलों ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुआई वाली पीठ के सामने इस विषय पर मंगलवार को उल्लेख किया था। पीठ ने उन्हें आदेश वापस लेने संबंधी याचिकाओं को दायर करने की मंजूरी दी थी।
गौरतलब है कि सोमवार को विशेष सीबीआई अदालत से इन चारों को जमानत मिलने के शीघ्र बाद सीबीआई उच्च न्यायालय पहुंच गई थी। निचली अदालत से मिली जमानत पर स्थगन लगाते हुए उच्च न्यायालय ने सोमवार शाम को इस मामले की अगली सुनवाई का दिन बुधवार तय किया था।