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मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों बर्खास्त नहीं किया गया, कांग्रेस ने भाजपा पर बोला हमला

मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों बर्खास्त नहीं किया गया, कांग्रेस ने भाजपा पर बोला हमला

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नई दिल्ली, 15 अप्रैल। कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे से पहले सोमवार को आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में कानून – व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त होने के बावजूद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों बचा रहे हैं?

गृहमंत्री अमित शाह आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों के समर्थन में सोमवार को मणिपुर में प्रचार करेंगे।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री ने मणिपुर में भाजपा निर्मित संकट को लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। हालाँकि, उनके गृहमंत्री को आज राज्य में प्रचार करने का समय मिल गया है। हमें उम्मीद है कि वह प्रधानमंत्री की ओर से कुछ सवालों के जवाब देने की पहल करेंगे।”

उन्होंने कहा, “तीन मई, 2023 के बाद से जब मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़की, प्रधानमंत्री ने एक बार भी राज्य का दौरा नहीं किया । उन्होंने राज्य के विधायकों या किसी अन्य राजनीतिक प्रतिनिधि को न तो मिलने का समय दिया है और न ही उन्हें फोन किया है। इस बीच, राहुल गांधी ने स्थिति को समझने और मणिपुर के लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए दो बार राज्य का दौरा किया।”

रमेश ने सवाल किया कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के इनकार की क्या वजह है, उदासीनता या कायरता? उनका कहना था, “मणिपुर में स्थिति गृह युद्ध की कगार पर है, कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। 200 से अधिक लोग मारे गए हैं, 60,000 से अधिक विस्थापित हुए हैं और राज्य पुलिस के हजारों हथियार चुरा लिए गए हैं। बीएसएफ जवानों पर गोली चलाई गई है, पुलिसकर्मी मारे गए हैं और भीड़ ने सरकारी कार्यालयों में घुसकर आगजनी की है। “

रमेश ने प्रश्न किया, “प्रधानमंत्री बीरेन सिंह को क्यों बचा रहे हैं? क्या यह मणिपुर की वास्तविकता के प्रति उदासीनता है, या यह हिंसा का मौन समर्थन है?” उन्होंने किसी का नाम लिए बिना दावा किया, “मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा और प्रशासन के पतन की हकीकत दुनिया भर में पहले पन्ने की खबर बन गई है। जब दुनिया एक भारतीय राज्य में इस स्तर की अराजकता देख रही है, तो प्रोपेगैंडा के पापा “विश्वगुरु” होने के अपने दावों को सही ठहराते हैं। “

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि यदि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में युद्ध रूकवा दिया तो वह मणिपुर में गृहयुद्ध जैसी स्थिति को क्यों नहीं रोक सके? रमेश ने यह सवाल भी किया, “प्रधानमंत्री मणिपुर में भारतीय लोकतंत्र के इस अंतिम स्वरूप – मतदान – को संरक्षित करने के लिए क्या कर रहे हैं?”

उन्होंने दावा किया,”तमाम अराजकता के बीच मणिपुर में भाजपा के राज्यसभा सदस्य, मणिपुर रियासत के पूर्व शाही परिवार के संजाओबा लीशेम्बा, संसद सदस्य के रूप में अपने आधिकारिक लेटरहेड पर खुद को “मणिपुर का महाराजा” घोषित कर रहे हैं।

यह स्पष्ट रूप से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 का उल्लंघन है जो सभी सामंती उपाधियों को प्रभावी ढंग से समाप्त करता है।” रमेश ने यह सवाल भी किया, “क्या प्रधानमंत्री या गृह मंत्री इस उपाधि को स्वीकार करते हैं? उन्होंने इस प्रथा को ख़त्म क्यों नहीं किया?”

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