1. Home
  2. हिंदी
  3. राष्ट्रीय
  4. ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष का सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब, विवादित स्थल मस्जिद नहीं, मंदिर है
ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष का सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब, विवादित स्थल मस्जिद नहीं, मंदिर है

ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष का सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब, विवादित स्थल मस्जिद नहीं, मंदिर है

0
Social Share

नई दिल्ली, 20 मई। उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को अपराहन तीन बजे वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस विवादित मुद्दे पर सुनवाई की जाएगी। पीठ ने गुरुवार सुनवाई स्थगित करते हुए शुक्रवार दिन में 3:00 बजे सुनवाई करने का आदेश पारित किया था। इस बीच हिंदू पक्षकार ने शीर्ष अदालत में अपना जवाब दाखिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि विवादित जगह मस्जिद नहीं, बल्कि भगवान की संपत्ति है।

भारत में इस्लामिक शासन से हज़ारों साल पहले से यह संपत्ति भगवान ‘आदि विश्वेश्वर’ की है तथा इसे किसी को नहीं दी जा सकती। सदियों से उस स्थल पर हिंदू रीतियों का पालन करते हुए लोग परिक्रमा करते आ रहे हैं। हिंदू पक्ष के जवाब में कहा गया है कि औरंगजेब के शासक में उस मंदिर की संपत्ति पर जबरन कब्ज़ा किया था। इस कब्जे से मुसलमानों को संपत्ति पर हक नहीं मिल सकता। औरंगजेब ने कोई वक्फ नहीं स्थापित किया।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई से पूर्व यह तथ्य अदालत में पेश किया। विष्णु शंकर जैन ने एक लिखित जवाब दाखिल कर दावा किया कि मूल मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था और शेष संरचना तथा सामग्री का उपयोग कर एक निर्माण किया गया था और उसे ‘ज्ञानवापी मस्जिद’ नाम दिया गया था।

जवाब में दावा किया गया है कि देवता दृश्य और अदृश्य रूप में परिसर के भीतर मौजूद है और यह पुराना मंदिर है। हिंदू पक्ष का कहना है कि 15 अगस्त, 1947 को विचाराधीन उस संपत्ति का स्वरूप हिंदू मंदिर का था क्योंकि हिंदू देवताओं और अन्य सहयोगी देवताओं की छवियां वहां मौजूद थीं तथा उनकी पूजा की जा रही थी।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code