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यूपी टीईटी पेपर लीक मामला : पीएनपी के निलंबित सचिव संजय उपाध्याय गिरफ्तार

यूपी टीईटी पेपर लीक मामला : पीएनपी के निलंबित सचिव संजय उपाध्याय गिरफ्तार

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लखनऊ, 1 दिसंबर। उत्‍तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) पेपर लीक मामले में योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। इस क्रम में यूपी पुलिस ने अब सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) संजय कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें शासन ने इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए मंगलवार को निलंबित कर दिया था।

पेपर छापने वाली एजेंसी के निदेशक की पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी

इसके पहले एसटीएफ ने प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को दिल्‍ली से गिरफ्तार किया था। इस एजेंसी को प्रश्नपत्र छापने का वर्क आर्डर संजय उपाध्याय ने ही जारी किया था।

यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि देर रात पूछताछ के बाद जांच अधिकारी और यूपी एसटीएफ की टीम ने संजय उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। उन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस उन्‍हें रिमांड पर लेकर और पूछताछ करेगी।

संजय उपाध्‍याय के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्‍त साक्ष्‍य

प्रशांत कुमार ने बताया कि कि इस मामले में शुरुआत में ही शासन की ओर से स्‍पष्‍ट कर दिया गया था कि सख्‍त एक्‍शन लिया जाएगा और दोषी पाए जाने पर कोई भी बख्‍शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में यह गिरफ्तारी हुई है। उन्‍होंने कहा कि संजय उपाध्‍याय के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्‍त साक्ष्‍य हैं। इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है।

शासन ने सचिव, परीक्षा नियामक को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है

बताया जा रहा है कि शासन ने सचिव, परीक्षा नियामक को शुचितापूर्ण, नकलविहीन और शांतिपूर्ण ढंग से यूपी-टीईटी न किए जाने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। सरकार पहले ही उन्‍हें सस्‍पेंड कर चुकी है। यूपी टीईटी परीक्षा को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ही थी।

माना जा रहा है परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई और दिल्ली की गैर जिम्मेदार एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड को पेपर प्रिंट कराने की जिम्मेदारी सौंप दी थी। एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद ने प्रश्न पत्र की छपाई के दौरान गोपनीयता और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की, जिसकी वजह से पेपर आउट हो गया और परीक्षा रद करनी पड़ गई।

परीक्षा में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था।

गौरतलब है कि गत 28 नवंबर को दो पालियों में प्रस्तावित यूपी-टीईटी का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। परीक्षा में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था। प्रथम पाली में दस से साढ़े बारह बजे तक प्रदेशभर में 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाना था और द्वितीय पाली में दोपहर 2.30 से शाम पांच बजे तक 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन होना था। टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था।

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