कफ सिरप मामला : जांच से जुड़ी जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को करेगा सुनवाई
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर। मध्य प्रदेश व राजस्थान में कफ सिरप पिलाने से कथित तौर पर दो दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। जनहित याचिका में इस गंभीर मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के माध्यम से विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराए जाने की मांग की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस उज्ज्वल भुयान और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए निर्धारित की।
अधिवक्ता विशाल तिवारी की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई कि मामले की निगरानी कोर्ट के रिटायर जज करें, ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, याचिका में कफ सिरप में इस्तेमाल रसायन डायइथाइलीन ग्लाइकॉल और एथलीन ग्लाइकॉल की बिक्री और निगरानी के लिए सख्त नियम बनाए जाने की मांग भी की गई है। पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने और विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर कर संयुक्त जांच कराने की भी अपील की गई है।
याचिका में उन कम्पनियों के लाइसेंस रद करने, उन्हें तुरंत बंद करने और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी काररवाई करने की मांग की गई है, जो विषैले कफ सिरप का उत्पादन कर रही हैं। साथ ही बाजार से संबंधित उत्पादों को वापस मंगाने और ड्रग्स रिकॉल पॉलिसी बनाने की भी गुजारिश की गई है।
इससे पहले, मध्य प्रदेश पुलिस ने छिंदवाड़ा में कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ पीने के कारण 20 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में दवा कम्पनी के मालिक को गिरफ्तार किया। तमिलनाडु की इस कम्पनी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
मामले में छिंदवाड़ा जिले के परासिया उप-मंडल के सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी को निलंबित किया जा चुका है। जांच के लिए एसआईटी का भी गठन हुआ है।
