1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा से कहा – सभापति धनखड़ से मिलकर बिना शर्त माफी मांगें
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा से कहा – सभापति धनखड़ से मिलकर बिना शर्त माफी मांगें

सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा से कहा – सभापति धनखड़ से मिलकर बिना शर्त माफी मांगें

0
Social Share

नई दिल्ली, 3 नवम्बर। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप नेता) राघव चड्ढा को सदन से उनके निलंबन के मद्देनजर राज्यसभा सभापति से मिलने और बिना शर्त माफी मांगने का सुझाव दिया है। राज्यसभा से राघव चड्ढा के निलंबन को लेकर शीर्ष कोर्ट ने शुक्रावार को यह टिप्पणी की।

अटॉर्नी जनरल से इस मामले में आगे के घटनाक्रम की जानकारी मांगी

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्यसभा के सभापति ‘आप’ विधायक की माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और आगे का रास्ता तलाशने का प्रयास करेंगे। न्यायालय ने ‘आप’ सांसद की याचिका पर सुनवाई दिवाली की छुट्टियों के बाद निर्धारित की और अटॉर्नी जनरल से इस मामले में आगे के घटनाक्रम की जानकारी देने को कहा है।

शीर्ष अदालत ने चड्ढा के वकील के बयान दर्ज किए कि सांसद का उस सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है, जिसके वह सदस्य हैं और वह राज्यसभा अध्यक्ष से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें। कोर्ट का कहना है कि सदन के तथ्यों और परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में सभापति माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद मामले से संबंधित आगे के घटनाक्रम से उसे अवगत कराने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि राघव चड्ढा को इस मामले पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा के सभापति से मिलना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उप राष्ट्रपति इस पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएंगे और आगे कदम उठाएंगे।

राघव चड्ढा गत 11 अगस्त से उच्च सदन से निलंबित हैं

उल्लेखनीय है कि राघव चड्ढा गत 11 अगस्त से उस समय से निलंबित हैं, जब कुछ सांसदों ने आरोप लगाया था कि ‘आप’ नेता ने उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा। आरोप लगाने वाले अधिकतर सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं। प्रस्ताव में विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति के गठन की मांग की गई थी।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code