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श्रीलंका में सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश : महिंदा राजपक्षे और बेसिल राजपक्षे 28 जुलाई तक बिना अनुमति देश नहीं छोड़ सकेंगे

श्रीलंका में सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश : महिंदा राजपक्षे और बेसिल राजपक्षे 28 जुलाई तक बिना अनुमति देश नहीं छोड़ सकेंगे

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कोलंबो, 15 जुलाई। संकटग्रस्त श्रीलंका में जारी उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश जारी किया है, जिसके तहत पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को अदालत की अनुमति के बिना 28 जुलाई तक देश नहीं छोड़ सकेंगे।

76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्हें राजपक्षे परिवार का सबसे करिश्माई राजनेता माना जाता है। उन्होंने पहली बार 2004 में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का पद संभाला। फिर 2005 से 2015 तक वे श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। श्रीलंका की आज जो मौजूदा स्थिति है, उसके लिए महिंदा राजपक्षे सरकार की नीतियां भी जिम्मेदार रही हैं।

बासिल राजपक्षे पर सरकारी टेंडरों में घूस लेने के कई आरोप लग चुके हैं

वहीं बासिल राजपक्षे श्रीलंका के वित्त मंत्री रह चुके हैं। उन्हें महिंदा राजपक्षे का राजनीतिक रणनीतिकार माना जाता है। बासिल राजपक्षे पर सरकारी टेंडरों में घूस लेने के कई आरोप लग चुके हैं। श्रीलंकाई राजनीति में बेसिल राजपक्षे को ‘मिस्टर टेन प्रतिशत’ कहा जाता है। हालांकि, उनके ऊपर कोई भी मामला साबित नहीं हो सका। ऐसे में श्रीलंका के लोगों को अपने इन नेताओं के प्रति एक आक्रोश है।

उल्लेखनीय है कि गोटबाया राजपक्षे, महिंदा राजपक्षे और बासिल राजपक्षे, तीनों भाई हैं। राष्ट्रपति पद से गोटबाया ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया गया है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने इस अवसर पर जश्न मनाया।

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