
ममता बनर्जी के बयान से नाराज संतों की भविष्यवाणी – 2026 में उनके लिए ‘सियासी मृत्यु कुम्भ’ होगा
कोलकाता/महाकुम्भ नगर, 18 फरवरी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने महाकुम्भ में भगदड़ के दौरान हुई मौतों का जिक्र करते हुए इसे ‘मृत्यु कुम्भ’ करार दे दिया। लेकिन ऐसी टिप्पणी करते ही वह न सिर्फ भाजपा के निशाने पर आ गईं बल्कि साधु-संत भी नाराज हो गए। महाकुम्भ के संतों ने तो उनके खिलाफ भविष्यवाणी तक कर दी कि 2026 में ममता बनर्जी के लिए ‘सियासी मृत्यु कुम्भ’ आने वाला है। जाहिर है कि संतों के इस कथन से अब ममता की टेंशन बढ़ेगी क्योंकि 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं।
दरअसल, ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा, “हाल में हुई भगदड़ की घटनाओं के मद्देनजर महाकुंभ ‘मृत्यु कुम्भ’ बन गया है। उन्होंने मृतकों की संख्या कम दिखाने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया।” ममता ने यूपी सरकार की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने उचित व्यवस्था किए बिना महाकुम्भ को लेकर इतना प्रचार किया और भारी संख्या में लोग पहुंच गए।
ममता ने दावा किया, ‘वहां से कई शव यहां लाए गए और हमने उनका पोस्टमार्टम करवाया क्योंकि पोस्टमार्टम के बिना मुआवजा मिलना मुश्किल था।’ ममता से जब पूछा गया कि वे महाकुम्भ स्नान करने क्यों नहीं गईं तो उन्होंने कहा – ‘आम लोगों को असुविधा ना हो, इसलिए मैंने डुबकी से परहेज किया।’
संतों ने क्या कहा?
फिलहाल ममता बनर्जी के इस बयान से महाकुम्भ के संत भड़क उठे। अखिल भारतीय संत समिति के जनरल सेक्रेटरी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, “ममता बनर्जी ने महाकुम्भ को ‘मृत्यु कुम्भ’ कहा, मैं इसकी कठोर शब्दों में निंदा करता हूं। जिस तरह पूर्वी क्षेत्र से हिन्दू जाग चुका है और यहां पर पहुंच रहा है, तो उनकी चिंता लाजिमी है। 2026 में होने वाला आगामी विधानसभा चुनाव उनके राजनीतिक करिअर के लिए ‘मृत्यु कुम्भ’ ही साबित होगा, ऐसी मैं कामना करता हूं।”
वहीं महंत राजू दास ने कहा कि मोदी और योगी से नफरत करते करते ये नेता सनातन को टारगेट करने लगे हैं ममता बनर्जी को क्षमा मांगनी चाहिए, ये बात उन्हें शोभा नहीं देती।
महाकुम्भ का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान – सुवेंदु अधिकारी
उधर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी ने सदन में कहा कि यह महाकुम्भ नहीं ‘मृत्यु कुम्भ’ है… आप सच्चे हिन्दू हैं तो राजनीति से ऊपर उठकर ममता बनर्जी के इन अपशब्दों का जोरदार विरोध करें… महाकुम्भ का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान…”
रिजिजू बोले – प्लीज, ऐसी टिप्पणी न करें
वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘महाकुम्भ एक पवित्र, धार्मिक अवसर है और यह 144 वर्षों के बाद आया है। यह एक अनूठा आयोजन है, जिसमें अब तक का सबसे बड़ा मानव समूह शामिल हुआ है। भविष्य में इसे तोड़ना असंभव है। ऐसे अवसर पर हमें इस तरह की राजनीतिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यदि आप हिन्दू धर्म या महाकुम्भ में विश्वास नहीं करते हैं तो इसे रहने दें।’
क्या इस्लाम के बारे में ऐसा बोल सकती हैं?
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “ममता बनर्जी ने कुम्भ को ‘मृत्यु कुम्भ’ बोला है। क्या वह इस्लाम पर्व के बारे में ऐसा बोल सकती हैं? जब लोग हज पर जाते हैं तो वह क्या ऐसा बोल सकती हैं, हजारों लोग वहां मारे गए, क्या वह ऐसा वहां के लिए बोल सकती हैं। ममता जी, आपको लज्जा आनी चाहिए। ऐसी पवित्र जगह को मृत्यु कुम्भ कह रही हैं।”