
गुजरात : स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा का दबदबा, 60 नगर पालिकाओं और जूनागढ़ नगर निगम पर कब्जा
अहमदाबाद, 18 फरवरी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने दो दिन पूर्व (16 फरवरी) हुए गुजरात स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ी राजनीतिक जीत हासिल की, जिससे राज्य में उसका दबदबा कायम रहा। पार्टी ने जूनागढ़ नगर निगम (JMC) के साथ-साथ 68 में से 60 नगर पालिकाओं और तीनों तालुका पंचायतों – गांधीनगर, कपड़वंज और कठलाल में जीत हासिल की।
भाजपा ने कांग्रेस से कम से कम 15 नगर पालिकाएं छीन लीं
भाजपा ने इस क्रम में कांग्रेस से कम से कम 15 नगर पालिकाएं छीन लीं, जिससे गुजरात के राजनीतिक परिदृश्य पर उसका नियंत्रण और मजबूत हो गया। वहीं कांग्रेस निराशाजनक प्रदर्शन के बीच केवल एक नगर पालिका ही जीत सकी जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने दो नगर पालिकाएं जीतकर मामूली बढ़त हासिल की।
निकायों में ओबीसी के लिए 27% कोटा शामिल करने वाला पहला चुनाव था
यह स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी कोटा शामिल करने वाला पहला चुनाव था, जो कि गुजरात सरकार द्वारा 2023 में पेश किया गया प्रावधान है। इसके बावजूद भाजपा ने जेएमसी जैसे गढ़ को बरकरार रखा, जहां उसने 60 में से 48 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस ने 11 और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक सीट पर दावा किया।
कांग्रेस सिर्फ द्वारका जिले की सलाया नगरपालिका बचा सकी
जेएमसी के अलावा, भाजपा 60 नगर पालिकाओं में विजयी रही, जिसने 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी पिछली सफलता को जारी रखा, जब उसने 26 में से 25 सीटें जीतीं थीं। हालांकि, कांग्रेस स्थानीय चुनावों में अपनी पिछली सफलता को दोहराने में विफल रही और केवल देवभूमि द्वारका जिले में सलाया नगरपालिका को बरकरार रखने में सफल रही।
AAP ने नगरपालिका की 28 में से 13 सीटें हासिल कीं
आम आदमी पार्टी (आप) ने हालांकि कड़ी टक्कर दी, नगरपालिका की 28 में से 13 सीटें हासिल कीं। भाजपा ने राधनपुर, महुधा और राजुला सहित कई प्रमुख नगर पालिकाओं पर भी नियंत्रण हासिल किया, जो पहले कांग्रेस के पास थीं। गुजरात के विधायक कंधाल जडेजा के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने कुटियाना नगरपालिका में जीत हासिल कर भाजपा को पीछे छोड़ दिया।
पांच नगरपालिकाओं – मंगरोल, डाकोर, अंकलाव, छोटाउदेपुर और वावला में कोई स्पष्ट विजेता नहीं दिखा, जहां कई पार्टियों और निर्दलीयों ने सीटें हासिल कीं। फिलहाल इन चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रभुत्व के साथ भाजपा ने 2027 के चुनावों से पहले गुजरात में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।