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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बोले – ज्ञानवापी मस्जिद विवाद देश के लोकतंत्र के लिए खतरा

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जयपुर, 20 मई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को देश के लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया है। उन्होंने इस विवाद के लिए परोक्ष तौर पर भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि देश में धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले दल लोकतंत्र के लिए भयानक खतरा पैदा कर रहे हैं।

केंद्र की धार्मिक राजनीति को समझे देश की जनता

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘यह गंभीर विषय है, सभी को सोचना चाहिए कि आखिर ये देश किस ओर जा रहा है? धर्म के नाम पर राजनीति कर रही केंद्र सरकार इस देश के लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रही है। आम लोगों को भी यह बात बेहद गंभीरता से समझनी पड़ेगी कि मौजूदा समय में धर्म के नाम पर उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है और यह कहीं से भी जनता के हित में नहीं है।’

सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रकरण वाराणसी की जिला अदालत में किया ट्रांसफर

गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, जहां वाराणसी की एक अदालत के आदेश पर मस्जिद परिसर का सर्वे कराने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने याचिका दाखिल कर रखी है। मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में ‘प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ के तहत अपील दायर की है जबकि हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज किए जाने को लेकर एक पिटीशन दायर कर रखी है।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले की सुनवाई एक दिन टालने के बाद शुक्रवार को यह प्रकरण वाराणसी की जिला अदालत में ट्रांसफर कर दिया। अब वाराणसी के जिला न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई करेंगे।

परिसर में मिले शिवलिंग को लेकर दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे

इससे पहले वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) दिवाकर कुमार की अदालत की ओर से गठित कोर्ट कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियो सर्वे किया था। सर्वे के बाद हिन्दू पक्ष ने दावा किया कि सर्वे के दौरान कमीशन को मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है। हिन्दू पक्ष का यह भी दावा है कि यह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का वही शिवलिंग है, जिसे औरंगजेब द्वारा नष्ट कर दिया गया है।

वहीं ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंध देखने वाली कमेटी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से दावा किया जा रहा है कि हिन्दू पक्ष जिसे शिवलिंग बता रहा है, दरअसल वह एक फव्वारा है, जो लगभग सभी मस्जिदों के वजूखाने में लगे होते हैं।

इसके जवाब में हिन्दू पक्ष का तर्क है कि मुस्लिम पक्ष यह साबित करे कि जिस शिवलिंग को वे फव्वारा बता रहे हैं, वो औरंगजेब के काल है और साथ ही ये भी बताएं कि उसे किस मैकेनिंजम के जरिए चलाया जाता था।