
पीएम मोदी अगले हफ्ते फ्रांस व अमेरिका के दौरे पर जाएंगे, दोनों देशों से रणनीतिक साझेदारी की मजबूती पर होगी चर्चा
नई दिल्ली, 7 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह दो महत्वपूर्ण विदेशी यात्राएं करेंगे। वह 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा करेंगे और इसके तुरंत बाद 12 से 13 फरवरी को अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। इन यात्राओं के दौरान भारत और इन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को सशक्त बनाने पर चर्चा होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
फ्रांस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट में हिस्सा लेंगे
विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर 10 से 12 फरवरी 2025 तक फ्रांस की आधिकारिक यात्रा करेंगे। इस दौरान वह ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट’ में भाग लेंगे, जिसका आयोजन फ्रांस कर रहा है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे।
पीएम मोदी 10 फरवरी की शाम पेरिस पहुंचेंगे, जहां Élysée Palace में राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। इस विशेष आयोजन में तकनीकी क्षेत्र के दिग्गज सीईओ और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भी मौजूद रहेंगे। 11 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मिलकर AI एक्शन समिट की अध्यक्षता करेंगे। यह वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव और इसके संभावित खतरों से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया है। इस तरह का पहला सम्मेलन 2023 में यूके, और दूसरा 2024 में दक्षिण कोरिया में हुआ था।
अमेरिका यात्रा : ट्रंप प्रशासन के साथ मजबूत रिश्तों की ओर भारत
फ्रांस यात्रा के बाद पीएम मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर जाएंगे। यह दौरा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर हो रहा है। गत 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के देश के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद पीएम मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी उन पहले कुछ विश्व नेताओं में से होंगे, जिन्हें ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के तीन सप्ताह के भीतर अमेरिका आने का निमंत्रण मिला है। यह भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और अमेरिकी राजनीति में द्विदलीय समर्थन को भी प्रतिबिंबित करता है।
अवैध प्रवासी भारतीयों के साथ बदसलूकी पर मचा है बवाल
दिलचस्प यह है कि पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब कथित अवैध भारतीयों को निकाले जाने के दौरान हुई बदसलूकी को लेकर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने अमेरिका से 100 से अधिक अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने और उनके साथ कथित तौर पर अमानवीय व्यवहार किए जाने के खिलाफ गुरुवार को संसद परिसर में प्रदर्शन भी किया था। इसी क्रम में संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही भी बाधित हुई थी।
अवैध भारतीय प्रवासियों के प्रत्यर्पण का मुद्दा
हालांकि भारत सरकार ने भी अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के प्रत्यर्पण और उनके साथ होने वाले व्यवहार को लेकर अपनी चिंता जताई है। विदेश सचिव ने कहा कि विदेश मंत्री (EAM) डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिका द्वारा अपनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की जानकारी साझा की है और यह भी स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है।
विदेश सचिव ने दोहराया कि भारत इस मुद्दे पर लगातार अमेरिकी अधिकारियों से संवाद करता रहेगा और यह सुनिश्चित करने की मांग करेगा कि भारतीय नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवासन को बढ़ावा देने वाले पूरे तंत्र को समाप्त करने के लिए समुचित काररवाई की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों के 104 अवैध प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर उतरा था। अवैध प्रवासियों के खिलाफ काररवाई के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला समूह था। निर्वासित किए गए 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से थे।