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पीएम मोदी बोले – ‘भारत सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति, सद्भाव और संभावनाओं की अभिव्यक्ति है’

पीएम मोदी बोले – ‘भारत सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति, सद्भाव और संभावनाओं की अभिव्यक्ति है’

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भीलवाड़ा, 28 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति, सद्भाव और संभावनाओं की अभिव्यक्ति है। उन्होंने शनिवार को यहां भीलवाड़ा जिले के मालासेरी डूंगरी गांव में लोक देवता भगवान श्री देवनारायण के 1111वें अवतरण महोत्सव को संबोधित करते हुए उन्होंने ये उद्गार व्यक्त किए।

भगवान श्री देवनारायण की विशेष रूप से गुर्जर समाज में बड़ी मान्यता है। भगवान श्री देवनारायण जी राजस्थान के लोगों द्वारा पूजे जाते हैं और उनके अनुयायी देशभर में फैले हुए हैं। उन्हें विशेष रूप से उनके जनसेवा के कार्यों के लिए पूजा जाता है। पीएम मोदी के इस दौरे को राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। पीएम मोदी मध्याह्न बाद विशेष विमान से उदयपुर के डबोक हवाई अड्डे (उदयपुर) पर उतरे, जहां से वह हेलीकॉप्टर से मालासेरी पहुंचे। उन्होंने देवनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की और पौधरोपण के बाद धर्मसभा को संबोधित किया।

करोड़ों लोगों की शक्ति के साथ भारत अपने गौरवशाली भविष्य की नींव रख रहा

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘हमें अपने हजारों साल पुराने इतिहास, सभ्यता और संस्कृति पर गर्व है। दुनिया की कई सभ्यताएं समय के साथ खत्म हो गईं। भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता की, संस्कृति की, सद्भावना की, संभावना की एक अभिव्यक्ति भी है। इसलिए भारत अपने गौरवशाली भविष्य की नींव रख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा हमारे समाज की, देश के करोड़ों लोगों की शक्ति है।’

उन्होंने कहा, ‘दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं, परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं। भारत को भी भौगेलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए। लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई।’

भगवान देवनारायण के दिखाए रास्ते पर आज भारत चल रहा

प्रधानमंत्री ने कहा, “बीते 8-9 वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित रहा है, वंचित रहा है। भगवान देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया है, वो सबके साथ से सबके विकास का है। आज देश इसी रास्ते पर चल रहा है। हम भी ‘वंचितों को वरीयता’ का मंत्र लेकर चल रहे हैं। इसीलिए आज मुफ्त राशन मिल रहा है, मुफ्त इलाज मिल रहा है, गरीब को घर.. टॉयलेट.. गैस सिलेंडर को लेकर चिंता रहती थी उसको भी हम दूर कर रहे हैं। गरीबों के बैंक खाते खुल रहे हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैंने लाल किले से पंच प्राणों पर चलने का आग्रह किया था। उद्देशय यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के लिए अपने कर्तव्यों के याद रखें।’

श्री देवनारायण ने हमेशा सेवा और जन कल्याण को सर्वोच्चता दी

उन्होंने कहा, ‘भगवान देवनारायण एक अच्छे परिवार से आते थे, लेकिन उन्होंने विलासितापूर्ण जीवन को त्याग कर लोगों की सेवा करना चुना और अपना जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया। श्री देवनारायण जी भगवान ने समाज में समरसता के भाव को फैलाया, समाज को एकजुट किया, एक आदर्श व्यवस्था कायम करने की दिशा में काम किया। यही कारण है कि समाज के हर वर्ग में उनके प्रति श्रद्धा और आस्था है। इसीलिए भगवान देवनारायण लोक जीवन में परिवार के मुखिया की तरह हैं। उन्होंने हमेशा सेवा और जन कल्याण को सर्वोच्चता दी।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘पानी के महत्व को राजस्थान से बेहतर कौन जान सकता है लेकिन आजादी के अनेक दशक बाद भी, देश के केवल तीन करोड़ परिवारों तक ही नल से जल की सुविधा थी। 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन अब 11 करोड़ से अधिक परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचने लगा है।’

उन्होंने कहा, “हमारा पशुधन हमारी परंपरा और आस्था का ही नहीं बल्कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी मजबूत हिस्सा है। इसीलिए देश में पहली बार पशुपालकों के लिए भी ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ की सुविधा दी गई है। आज पूरे देश में ‘गोबर धन’ योजना भी चल रही है जोकि गोबर सहित खेती से निकलने वाले ‘कचरे को कंचन’ में बदलने का अभियान है।”

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