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एनएसए अजित डोभाल बोले – देश की तरक्की में हर धर्म और मजहब का योगदान, कुछ तत्व खराब कर रहे माहौल

एनएसए अजित डोभाल बोले – देश की तरक्की में हर धर्म और मजहब का योगदान, कुछ तत्व खराब कर रहे माहौल

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नई दिल्ली, 30 जुलाई। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शनिवार को कहा कि देश की तरक्की में हर धर्म व मजहब का योगदान है और देश की देश की तरक्की का फायदा हर धर्म और मजहब को मिलना भी चाहिए, लेकिन चंद लोग माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं।

एनएसए डोभाल ने यहां कांस्टिट्यूशन क्लब में अखिल भारतीय सूफी सज्जादनाशिन परिषद (एआईएसएससी) द्वारा आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में यह टिप्पणी की।

अजीत डोभाल ने कहा, ‘दुनिया में संघर्ष का माहौल पैदा हो रहा है। अगर हमें उस माहौल का मुकाबला करना है तो देश की एकता को एक साथ बनाए रखना जरूरी है और सशक्त मुल्क की तरह आगे बढ़ें। पिछले कुछ सालों से देश जो तरक्की कर रहा है, इसका जो लाभ होगा वो हर हिन्दुस्तानी को होगा।’

कुछ तत्व ऐसा माहौल बना रहे, जो भारत की प्रगति को बाधित कर रहा

डोभाल ने कहा कि कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत की प्रगति को बाधित कर रहा है। वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं। यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है और देश के बाहर भी फैल रहा है।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘मूकदर्शक बने रहने की बजाय हमें अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ अपने मतभेदों पर जमीन पर काम करना होगा। हमें भारत के हर संप्रदाय को यह महसूस कराना है कि हम ‘एक साथ एक देश’ हैं। हमें इस पर गर्व है।’

कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने की जरूरत

बैठक में मौजूद हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, ‘जब कोई घटना होती है तो हम निंदा करते हैं। यह कुछ करने का समय है। कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने और प्रतिबंधित करने के लिए समय की आवश्यकता है। चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, पीएफआई सहित। अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

अंतरधार्मिक संवाद में सर्वसम्मति से लिया गया संकल्प 

एनएसए की उपस्थिति में अंतरधार्मिक संवाद में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि ‘पीएफआई और ऐसे किसी भी अन्य मोर्चों जैसे संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ काररवाई शुरू की जानी चाहिए।’

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