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पंजाब कांग्रेस विवाद : सिद्धू की नाराजगी खत्म, सीएम चन्नी के साथ बैठक में बना सुलह का फॉर्मूला

पंजाब कांग्रेस विवाद : सिद्धू की नाराजगी खत्म, सीएम चन्नी के साथ बैठक में बना सुलह का फॉर्मूला

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चंडीगढ़, 30 सितम्बर। पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कुछ फैसलों से नाराज होकर दो दिन पूर्व राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर मान गए हैं। गुरुवार की शाम यहां पंजाब भवन में सिद्धू और सीएम चन्नी की लंबी बातचीत के जरिए दोनों के बीच शिकवा-शिकायत दूर हो गई।

नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री ने सिद्धू की कई मांगें मानीं

पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत की मौजूदगी में सिद्धू और चरणजीत चन्नी की बैठक के दौरान सुलह का फॉर्मूला निकाला गया और कई मुद्दों पर दोनों के बीच सहमति बन गई। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के बीच पंजाब सरकार में हुईं हालिया नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई और मुख्यमंत्री चन्नी ने सिद्धू की कई मांगों को मान भी लिया है।

सरकार में कई पदों पर दागियों की नियुक्तियों का लगाया था आरोप

ज्ञातव्य है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले चरणजीत सिंह ने कुछ शीर्ष पदों पर ऐसी नियुक्तियां कीं, जिससे नाराज होकर सिद्धू ने गत मंगलवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में सिद्धू ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार में कई पदों पर दागियों की नियुक्तियां की गई हैं। इसमें कैबिनेट मंत्री, एडवोकेट जनरल, डीजीपी आदि के नाम शामिल हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच हुई बैठक के बाद अब पंजाब सरकार एडवोकेट जनरल के पैरलल एक अथॉरिटी बना सकती है। सिद्धू को बैठक में जानकारी दी गई कि आईपीएस सहोता अभी डीजीपी के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

सिद्धू ने डीजीपी आईपीएस सहोता की नियुक्ति पर भी खड़े किए थे सवाल

सिद्धू ने सहोता पर सवाल खड़े करते हुए बैठक से पहले ट्वीट भी किया था। उन्होंने कहा था, ‘डीजीपी आईपीएस सहोता बादल सरकार के तहत बेअदबी मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख थे। उन्होंने दो सिख युवकों को बेअदबी के लिए गलत तरीके से आरोपित किया और बादल को क्लीन चिट दे दी। वर्ष 2018 में, मैंने कांग्रेस के मंत्रियों, तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री के साथ न्याय की लड़ाई में हमारे समर्थन का आश्वासन दिया था।’

अब कैप्टन अमरिंदर पर टिकी हैं सबकी निगाहें

फिलहाल खत्म प्रतीत हो रहे इस विवाद के बाद अब सबकी निगाहें पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के अगले कदम पर जा टिकी हैं, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात के बाद स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि अपमानित होने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया है। हालांकि उन्होंने अभी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से भी इनकार किया है। यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि कैप्टन अमरिंदर राज्य में कांग्रेस के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं।

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