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राज्यसभा में सरकार का बयान – कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई

राज्यसभा में सरकार का बयान – कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई

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नई दिल्ली, 20 जुलाई। केंद्र सरकार ने मॉनसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा को बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी की वजह से किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई। गौरतलब है कि दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों से ऐसी खबरें आईं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई कोरोना मरीजों की जान गई।

उच्च सदन में कोरोना पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को लेकर सवाल किया था। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जवाब देते हुए बताया गया कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई।

केंद्र ने किसी राज्य से आंकड़े कम दिखाने को नहीं कहा : स्वास्थ्य मंत्री मांडविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘केंद्र राज्य सरकारों द्वारा भेजे गए डेटा को संकलित और प्रकाशित करता है। हमारा काम उस डेटा को प्रकाशित करना है, और कुछ नहीं। हमने किसी को कम संख्या (मृत्यु के) या कम सकारात्मक मामले दिखाने के लिए नहीं कहा है। इसका कोई कारण नहीं है। पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकों में भी यही कहा था।’

किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की जानकारी नहीं दी

सरकार ने बताया कि कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी नियमित आधार पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देते हैं। लेकिन किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी नहीं दी है।

दूसरी लहर के दौरान तीन गुना तक बढ़ गई थी मेडिकल ऑक्सीजन की मांग

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड काफी बढ़ गई थी। पहली लहर में जहां 3,095 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड थी वहीं दूसरी लहर में यही डिमांड 9,000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई।

सरकार ने बताया कि दूसरी लहर में केंद्र की ओर से गत 28 मई तक राज्यों को 10,250 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। महाराष्ट्र और कर्नाटक को सबसे ज्यादा 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई जबकि दिल्ली को 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई।

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