मोदी कैबिनेट ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को दी मंजूरी, 19 जिलों और 46 सीमावर्ती ब्लॉकों में खर्च होंगे 4800 करोड़
नई दिल्ली, 15 फरवरी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए केंद्र प्रायोजित योजना – वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी दी है। इसी कड़ी में अगले पांच वर्षों के दौरान दो लाख बहुउद्देशीय पैक्स/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
प्रोग्राम के तहत सड़कों के निर्माण पर 2500 करोड़ खर्च किए जाएंगे
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान लागू किया जाएगा। इसके लिए 4800 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें 2500 करोड़ सड़कों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह देश की उत्तरी सीमा के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है। इससे इन सीमावर्ती गांवों में सुनिश्चित आजीविका मुहैया करायी जा सकेगी जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
सरकारी बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम से चार राज्यों एवं एक केंद्रशासित प्रदेश के 19 जिलों और 46 सीमावर्ती ब्लाकों में आजीविका के अवसर और आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी। इससे उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में समावेशी विकास सुनिश्वित हो सकेगा। इस कार्यक्रम से यहां रहने वाले लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया जाएगा
इससे समावेशी विकास हासिल करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में सहायता मिलेगी। इस कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य उत्तरी सीमा के सीमावर्ती गांवों में स्थानीय, प्राकृतिक और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना तथा सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाना है।
‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत इन इलाकों में विकास केंद्र विकसित करने, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को प्रोत्साहन देकर पर्यटन क्षमता को मजबूत बनाने और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारिता, एनजीओ के माध्यम से ‘एक गांव एक उत्पाद’ की अवधारणा पर स्थायी इको-एग्री बिजनेस के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
बयान के अनुसार, वाइब्रेंट विलेज कार्य योजना को ग्राम पंचायतों की सहायता से जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जाएगा। केंद्रीय तथा राज्य योजनाओं की शत-प्रतिशत पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी। इनके तहत सभी मौसमों के अनुकूल सड़क, पेयजल, 24 घंटे, सौर तथा पवन ऊर्जा पर केंद्रित विद्युत आपूर्ति, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केंद्र, बहुद्देशीय सेंटर तथा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर के विकास पर जोर दिया जाएगा। यह सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम से अलग होगा।