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महाकुंभ 2025 देशभर के कारीगरों के लिए अनूठा बाजार, एक जिला, एक उत्पाद की शानदार प्रदर्शनी

महाकुंभ 2025 देशभर के कारीगरों के लिए अनूठा बाजार, एक जिला, एक उत्पाद की शानदार प्रदर्शनी

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प्रयागराज, 20 जनवरी।  महाकुंभ 2025 देशभर के कारीगरों के लिए सुनहरा अवसर साबित हो रहा है। प्रयागराज के संगम पर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में 6000 वर्ग मीटर में फैली ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) की प्रभावशाली प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण कालीन, जरी-जरदोजी, फिरोजाबाद के कांच के खिलौने, वाराणसी के लकड़ी के खिलौने और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद हैं।

इस बार बिजनेस 35 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद

प्रयागराज मंडल के संयुक्त उद्योग आयुक्त शरद टंडन ने कहा कि 2019 में कुंभ मेले ने 4.30 करोड़ रुपए का कारोबार किया और इस बार बिजनेस 35 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।

उद्यमियों को अपने प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पाद मुफ्त में बेचने का मौका

फ्लिपकार्ट ने भी महाकुंभ में एक स्टॉल लगाया है, जिससे उद्यमियों को अपने प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पाद मुफ्त में बेचने का मौका मिल रहा है। फ्लिपकार्ट के स्टॉल पर खरीदारों और आगंतुकों की भारी भीड़ देखी जा रही है।

फिरोजाबाद, कुशीनगर और काशी के शिल्प और जीआई उत्पादों का प्रदर्शन

प्रदर्शनी में काशी (वाराणसी) के कारीगरों ने लकड़ी के खिलौने, बनारसी ब्रोकेड, मेटल रिपॉसे और मेटल कास्टिंग सहित उत्पाद प्रस्तुत किए हैं। इनमें वाराणसी की लाल मिर्च, बनारसी साड़ी, सुर्खा अमरूद, प्रतापगढ़ का आंवला, मिर्जापुर के पीतल के बर्तन और गोरखपुर की टेराकोटा वस्तुएं शामिल हैं।

प्रदर्शनी में कुशीनगर के कालीन, फिरोजाबाद के कांच के खिलौने और बर्तन भी प्रमुख आकर्षण हैं। वहीं, बनारसी ठंडई, लाल पेड़ा, बनारसी तबला और दीवार पेंटिंग जैसी अनूठी कृतियों को वैश्विक ध्यान में लाने का प्रयास किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के 75 जीआई उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है

इस बारे में डॉ. रजनीकांत ने बताया कि ओडीओपी योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 75 जीआई उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिनमें से 34 उत्पाद काशी क्षेत्र के ही हैं। आपको बता दें कि भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication) का इस्तेमाल ऐसे उत्पादों के लिये किया जाता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है।

महाकुंभ में रोजगार एवं नवाचार को बढ़ावा

यह ओडीओपी पहल हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। देखा जाये तो महाकुंभ 2025 न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत कर रहा है बल्कि उद्यमियों के लिए एक विशाल मंच भी बन गया है। दुनिया भर से लोग कारीगरों के उत्पादों को देख रहे हैं, प्रशंसा कर रहे हैं और खरीद रहे हैं।

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