नई दिल्ली, 11 मई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि अन्य कम्पनियों को दो कोविड-19 वैक्सीन बनाने की अनुमति दी जाए। उनका सुझाव है कि भारत सरकार पेटेंट कानून का उपयोग करके वैक्सीन उत्पादन के एकाधिकार को खत्म कर सकती है।
केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में कहा कि गांवों तक फैल चुकी कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है। इसलिए जरूरी है कि जल्द से जल्द से देश के सभी नागरिकों को वैक्सीन की दो डोज दे दी जाए।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, ‘अभी भारत में सिर्फ दो कम्पनियां वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं। इनके दम पर पूरे देश को वैक्सीन दे पाना संभव नहीं होगा। इसलिए देशहित में मेरी आपसे विनती है कि आप कोरोना वैक्सीन के सार्वजनिक उत्पादन की अनुमति दें। सिर्फ दो नहीं, वरन देश की हर वो कम्पनी वैक्सीन का उत्पादन करे, जिसके पास सुरक्षित उत्पादन की क्षमता है।’
गौरतलब है कि देश में इस समय दो कम्पनियां कोरोनारोधी वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं। भारत बॉयोटेक हैदराबाद जहां पूर्ण स्वदेशी तकनीक पर आधारित कोवैक्सीन का उत्पादन कर रहा है वहीं पुणे स्थित कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का भारतीय संस्करण कोविशील्ड के नाम से बना रही है।
केजरीवाल ने यह भी सुझाव दिया कि केंद्र सरकार इन दो कम्पनियों से वैक्सीन का फार्मूला लेकर ऐसी सभी कम्पनियों को दे, जो इनका सुरक्षित व सही उत्पादन कर सकती हैं। चाहें तो इन दोनों कम्पनियों को उत्पादन करने वाली अन्य कम्पनियां रॉयल्टी दे सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने पीएम को यह भी सुझाव दिया, ‘सरकार देश के पेटेंट कानून का इस्तेमाल कर कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का एकाधिकार खत्म कर सकती है। इसमें कोरोना की तीसरी लहर से पहले हम पूरे देश को एक सुरक्षा कवच देने में सक्षम होंगे और निर्दोष लोगों को मौत के मुंह में जाने से भी बचा पाएंगे। देशहित में इस काम को पूरा करने के लिए हमारी जो भूमिका तय की जाएगी, वो हम निभाने के लिए तैयार हैं।’