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जापान 5 वर्षों के दौरान भारत में 3.2 लाख करोड़ का निवेश करेगा, दोनों देशों के बीच छह समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर

जापान 5 वर्षों के दौरान भारत में 3.2 लाख करोड़ का निवेश करेगा, दोनों देशों के बीच छह समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर

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नई दिल्ली, 19 मार्च। भारत दौरे पर आए जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की शाम यहां 14वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा भारत-जापान के हितों को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई। इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा और विकास योजनाओं पर छह समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किए।

भारत सरकार के एक सूत्र ने बताया कि जापान अगले पांच वर्षों में भारत में अपने निवेश लक्ष्य को बढ़ाकर पांच ट्रिलियन येन या 3.2 लाख करोड़ रुपये करेगा। भारत-जापान के बीच साइबर सुरक्षा, क्षमता निर्माण, सूचना साझा करने और सहयोग के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

पीएम मोदी और फुमियो किशिदा ने आपसी हितों के क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर वार्ता की

हैदराबाद हाउस में आयोजित शिखर सम्‍मेलन के दौरान प्रतिनिधिमंडल स्‍तर पर हुई वार्ता में पीएम मोदी और उनके समकक्ष फुमियो किशिदा ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिससे हिन्‍द प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे शांति, स्थिरता और समृद्धि की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके। स्मरण रहे कि भारत और जापान का विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के दायरे में बहुआयामी सहयोग है।

दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान पर हस्‍ताक्षर किए

शिखर सम्‍मेलन के बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान पर हस्‍ताक्षर किए। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत में दुनिया के लिए मेक इन इंडिया की असीमित संभावनाएं प्रस्‍तुत की हैं। इस संदर्भ में जापानी कम्‍पनियां लम्‍बे समय से हमारी ब्रांड अम्‍बेसडर रही हैं। भारत-जापान के बीच आर्थिक साझेदारी में प्रगति हुई है और जापान भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है।’

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की प्रमुख परियोजना जैसे कि समर्पित मालवहन गलियारा और मुम्‍बई -अहमदाबाद हाई स्‍पीड रेल परियोजनाएं उल्‍लेखनीय हैं। भारत और जापान सुरक्षित भरोसेमंद और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति के महत्‍व को समझते हैं। भारत-जापान स्‍वच्‍छ ऊर्जा भागीदारी इस दिशा में निर्णायक कदम साबित होगी। उन्‍होंने इस पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि अगले पांच वर्ष में जापान भारत में 50 खरब येन या 3.2 लाख करोड रुपये का निवेश करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज की हमारी चर्चा ने हमारे आपसी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया। हमने विपक्षीय मुद्दों के अलावा कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया। हमने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपना समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया।’

दूसरी तरफ जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा, ‘पूरी दुनिया आज के समय में विभिन्‍न बाधाओं से पीडित है। ऐसे समय में भारत और जापान के बीच घनिष्ठ साझेदारी होना बहुत जरूरी है। इस क्रम में दोनों देशों को खुले और मुक्त हिन्द-प्रशांत के लिए प्रयास बढ़ाने चाहिए।’

रूस-यूक्रेन विवाद का अंतरराष्‍ट्रीय विधि के आधार पर शांतिपूर्ण समाधान हो : किशिदा

फुमियो किशिदा ने कहा, ‘हमने अपने विचार व्यक्त किए, यूक्रेन में रूस के गंभीर आक्रमण के बारे में बात की। इसके लिए अंतरराष्‍ट्रीय विधि के आधार पर शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। जापान, भारत के साथ मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश करता रहेगा। साथ ही यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करता रहेगा।’

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