1. Home
  2. हिन्दी
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. जामिया, जेएनयू और अदाणी एयरपोर्ट्स ने रद किए तुर्किये से समझौते, राष्ट्रीय सुरक्षा का दिया हवाला
जामिया, जेएनयू और अदाणी एयरपोर्ट्स ने रद किए तुर्किये से समझौते, राष्ट्रीय सुरक्षा का दिया हवाला

जामिया, जेएनयू और अदाणी एयरपोर्ट्स ने रद किए तुर्किये से समझौते, राष्ट्रीय सुरक्षा का दिया हवाला

0
Social Share

नई दिल्ली, 15 मई। भारत में तुर्किये के साथ बढ़ती दूरी अब शिक्षा और विमानन क्षेत्रों में साफ दिखाई देने लगी है। राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के चलते देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों और कम्पनियों ने तुर्की से जुड़े संस्थानों के साथ अपने सभी समझौते रद कर दिए हैं।

इस क्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने तुर्किये सरकार से संबद्ध सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ अपने समझौता ज्ञापनों (MoUs) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह घोषणा जामिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की, जिसमें लिखा गया, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जामिया मिलिया इस्लामिया और तुर्किये गणराज्य की सरकार से संबद्ध किसी भी संस्थान के बीच कोई भी एमओयू अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है। जामिया राष्ट्र के साथ मजबूती से खड़ा है।’

इससे पहले, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी इसी वर्ष तीन फरवरी को तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ किए गए सहयोगी अनुसंधान और छात्र आदान-प्रदान के समझौते को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से निलंबित कर दिया था। वहीं हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) ने भी तुर्किये के यूनुस एमरे इंस्टीट्यूट के साथ अपने अकादमिक समझौते को खत्म कर दिया। इन फैसलों के पीछे भारत और तुर्किये के बिगड़ते संबंध हैं।

तुर्किये ने हाल ही में पाकिस्तान का खुलेआम समर्थन किया, खासकर तब जब भारत ने पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इसके अलावा, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में एक ऑपरेशन में तुर्किये निर्मित ‘सोंगर’ ड्रोन बरामद किए, जिन्हें तुर्किये की कम्पनी एसिसगार्ड बनाती है। ये ड्रोन पाकिस्तान के पास थे। भारतीय रक्षा अधिकारियों, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इन ड्रोन की तस्दीक की। इससे तुर्किये और पाकिस्तान के रक्षा सहयोग की गहराई उजागर हुई, जिसने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है।

इस बीच अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने भी तुर्किये की कम्पनी ड्रैगनपास के साथ लाउंज एक्सेस समझौते को रद कर दिया है। अदाणी के प्रवक्ता ने बताया कि अब ड्रैगनपास ग्राहक उनके एयरपोर्ट लाउंज का उपयोग नहीं कर सकेंगे, हालांकि अन्य यात्रियों पर इसका कोई असर नहीं होगा।

भारत के 5 शहरों के कारोबारी अब तुर्किये से मार्बल का आयात नहीं करेंगे

वहीं भारत के पांच शहरों के कारोबारियों ने मिलकर तुर्किये से मार्बल आयात बंद करने का फैसला किया है, जिससे तुर्किये को दो हजार से 2500 करोड़ रुपये तक नुकसान होगा।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली, किशनगढ़, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और सिलवासा देश के पांच प्रमुख केंद्र हैं, जो तुर्किये से मार्बल आयात करते हैं। इन शहरों के व्यापारियों ने मिलकर तुर्किये से मार्बल न मंगवाने का निर्णय लिया है। यह फैसला भारत की मार्बल इंडस्ट्री के लिए बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

भारत में मार्बल आयात की स्थिति

भारत हर वर्ष करीब 14 लाख मीट्रिक टन मार्बल आयात करता है। इसमें से 10 लाख मीट्रिक टन यानी लगभग 70% मार्बल अकेले तुर्किये से आता है। यानी सालाना लगभग 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये का व्यापार तुर्किये से होता है।

वैकल्पिक देशों से आयात की तैयारी

दिल्ली मार्बल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार गोयल ने बताया कि तुर्किये के विकल्प के रूप में कई देश मौजूद हैं, जहां से अच्छी गुणवत्ता का मार्बल लाया जा सकता है। इनमें इटली, वियतनाम, स्पेन, क्रोशिया, नामीबिया व ग्रीस शामिल हैं। इन देशों से पहले भी भारत को मार्बल आयात होता रहा है, लेकिन पिछले 7-8 वर्षों में तुर्किये का आयात तेजी से बढ़ा था।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code