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अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस: राजभवन में योगाभ्‍यास, CM योगी ने दिया मंत्र, बोले-योग से रहें निरोग

अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस: राजभवन में योगाभ्‍यास, CM योगी ने दिया मंत्र, बोले-योग से रहें निरोग

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लखनऊ, 21 जून। आठवें अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस पर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने राजभवन में आयोजित विशेष योगाभ्‍यास कार्यक्रम में यूपी के 75 जिलों को योग करके निरोग रहने का मंत्र दिया। सीएम योगी ने योग साधकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने योग को दुनिया में पहुंचाया। आज 200 से अधिक देशों में आयोजन हो रहा है। योग अनुशासन से जुड़ा है। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

कार्यक्रम में राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद हैं। सीएम योगी ने कहा कि कोरोना के दौरान भी योग के महत्‍व का पता चला। कोरोना जैसी महामारी के दौरान सभी ने इस बात को देखा है कि जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है वही रोग के सामने टिक पाएगा। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता अच्‍छी रही उसके लिए इस बीमारी को हराना आसान रहा। सीएम योगी ने कहा योग को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए यूपी की जनता की ओर से पीएम मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्‍होंने कहा कि हम सब आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी के जिन्होंने भारत की ऋषि परंपरा के इस उपहार को न केवल भारत के अंदर बल्कि दुनिया के अंदर पहुंचाया है।

कार्यक्रम में राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मुझे खुशी है कि दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर राजभवन में योगाभ्‍यास हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि सदियों ऋषि मुनि योग का अभ्‍यास करते और सिखाते थे लेकिन यह भारत में ही सीमित था। आज सारे विश्‍व में लोग योगाभ्‍यास कर रहे हैं। राज्‍यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के प्रति इसके लिए आभार प्रकट किया।

उन्‍होंने कहा कि योग सिर्फ एक दिन नहीं होना चाहिए। हर दिन कुछ समय निकालकर इसे जरूर करना चाहिए। आज तो प्रदेश में कई ऐसे स्‍थान बन चुके हैं जहां पर जाकर योगाभ्‍यास कर सकते हैं। उन्‍होंने स्कूलों में भी योगाभ्‍यास को शामिल करने की जरूरत बताई।
राज्‍यपाल ने कहा कि हमारे बचपन में ऐसे कार्यक्रम नहीं होते लेकिन दिनचर्या और आहार ऐसा था लोग स्‍वस्‍थ रहते थे। खेत में काम करने से लेकर पशुओं की सेवा तक के काम परिवार के लोग मिलकर करते थे।

शुद्ध दूध, रोटी-सब्‍जी खाकर रोज 4 किलोमीटर चलकर स्‍कूल जाना और 4 किलोमीटर चलकर लौटना, यह प्रक्रिया चलती रहती थी। धीरे-धीरे करके शहरीकरण होने लगा और धीरे-धीरे सभी आदतें छूट गईं। अब लगता है कि परिवर्तन की आवश्‍कता है। थीम भी यही है-‘मानवता के लिए योग।’

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