
इंफोसिस ने मूल्यांकन परीक्षण में असफल होने पर 400 से अधिक प्रशिक्षुओं को नौकरी से निकाला
नई दिल्ली, 7 फरवरी। देश की अग्रणी टेक कम्पनियों में एक इंफोसिस (Infosys) अपने मैसूरु परिसर में 400 से अधिक प्रशिक्षुओं को नौकरी से निकालने की प्रक्रिया में है क्योंकि वे तीन प्रयासों में जरूरी मूल्यांकन परीक्षा पास करने में असफल रहे हैं। यह संख्या अक्टूबर, 2024 में शामिल किए गए प्रशिक्षुओं की लगभग आधी है।
प्रमुख बिजनेस न्यूज वेबसाइट मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार प्रशिक्षुओं को लगभग 50-50 के बैच में बुलाया जा रहा है और उनसे आपसी अलगाव पत्र पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। ऐसा कदम उठाने के लिए कंपनी को आलोचना झेलनी पड़ रही है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की तैयारी
वहीं द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार श्रम अधिकार समूह, नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने कम्पनी के कदम की निंदा करते हुए इसे ‘चौंकाने वाला और अनैतिक’ बताया। नैसेंट ने श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की योजना की भी घोषणा की है।
इंफोसिस का बयान – आंतरिक मूल्यांकन में सफल होना जरूरी
वहीं इंफोसिस ने एक बयान में कहा, ‘इंफोसिस में, हमारे पास एक कठोर भर्ती प्रक्रिया है, जिसमें सभी फ्रेशर्स को हमारे मैसूरु परिसर में व्यापक आधारभूत प्रशिक्षण से गुजरने के बाद आंतरिक मूल्यांकन में सफल होने की उम्मीद होती है। सभी फ्रेशर्स को मूल्यांकन में सफल होने के लिए तीन प्रयास मिलते हैं। ऐसा न करने पर वे संगठन के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे, जैसा कि उनके अनुबंध में भी उल्लेख किया गया है।’
यह प्रक्रिया दो दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है
कम्पनी ने कहा, यह प्रक्रिया दो दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है और हमारे ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा की उपलब्धता सुनिश्चित करती है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशिक्षु लगातार तीन प्रयासों में मूल्यांकन परीक्षण में असफल रहे।
प्रशिक्षु बोले – परीक्षण बहुत कठिन थे और असफल करने के लिए बनाए गए थे
नौकरी से निकाल दिए गए प्रशिक्षुओं में एक ने बताया, ‘यह अनुचित है क्योंकि परीक्षण बहुत कठिन थे और हमें असफल करने के लिए बनाए गए थे, कई प्रशिक्षु बेहोश हो गए हैं क्योंकि अब भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है।’
ढाई वर्ष के लंबे इंतजार के बाद सेवा में शामिल किया गया था
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशिक्षुओं को ढाई वर्ष के लंबे इंतजार के बाद सेवा में शामिल किया गया, जो कि व्यापक आर्थिक मंदी के कारण आवश्यक था, जिसके कारण आईटी कम्पनियों के ग्राहकों को परियोजनाओं पर खर्च रोकना पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, इंफोसिस मार्च के अंत से पहले वार्षिक वेतन वृद्धि पत्र जारी करेगी।