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विश्व बैडमिंटन : स्वर्ण पदक नहीं जीत सके किदाम्बी श्रीकांत, फाइनल में सिंगापुरी शटलर लो केन येव से हारे

विश्व बैडमिंटन : स्वर्ण पदक नहीं जीत सके किदाम्बी श्रीकांत, फाइनल में सिंगापुरी शटलर लो केन येव से हारे

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हुएल्वा (स्पेन), 19 दिसंबर। सेमीफाइनल जीतने के साथ ही भारतीय बैडमिंटन इतिहास में नया अध्याय लिखने वाले पूर्व विश्व नंबर एक शटलर किदाम्बी श्रीकांत बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक नहीं जीत सके और रविवार की शाम यहां खेले गए संघर्षपूर्ण खिताबी मुकाबले में उन्हें सिंगापुरी प्रतिद्वंद्वी लो केन येव के हाथों पराजय झेलनी पड़ी।

डब्ल्यूबीएफ विश्व टूर में अब तक छह खिताब जीत चुके विश्व नंबर 14 श्रीकांत ने एक सप्ताह लंबी प्रतियोगिता के अंतिम मैच के दूसरे गेम में काफी संघर्ष किया, लेकिन विश्व रैंकिंग में उनसे आठ स्थान नीचे केन येव ने 43 मिनट में 21-15, 22-20 से जीत हासिल कर ली।

12वीं सीड लेकर उतरे 28 वर्षीय श्रीकांत ने पहले गेम में मध्यांत तक 7-11 से पिछड़ने के बाद 11-11 से बराबरी की। लेकिन उसके बाद उनकी लय कमजोर पड़ गई। दूससे गेम में शुरुआत से ही कड़ी टक्कर हुई और ब्रेक के समय किदाम्बी 9-11 से पीछे थे। उसके बाद उन्होंने 14-14, 18-18 और फिर 20-20 की बराबरी की। लेकिन अंतिम दो अंक हारकर उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

पुरुष एकल में पहली बार भारत को रजत पदक

फिलहाल किदाम्बी भारत के पहले पुरुष शटलर बन गए हैं, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में देश को रजत पदक दिलाया। इसके पूर्व जीवित ही किंवदंती बन चुके प्रकाश पादुकोण (1983) और बी. साई प्रणीत (2019) को सेमीफाइनल में पराजय के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।

कांस्य जीतने वाले लक्ष्य सेन देश के तीसरे पुरुष शटलर

दूसरी तरफ श्रीकांत से तीन गेमों तक खिंचे सेमीफाइनल में पराजय के बाद उनसे उम्र में आठ वर्ष छोटे और विश्व रैंकिंग में 19वें क्रम पर काबिज लक्ष्य देश के लिए पुरुष एकल में कांस्य जीतने वाले तीसरे शटलर बने। महिला वर्ग की बात करें तो पीवी सिंधु ने 2019 में एकल सिरमौर अपने नाम किया था। लेकिन इस बार वह क्वार्टर फाइनल में हार गईं। पिछले वर्ष कोरोना के चलते यह स्पर्धा आयोजित नहीं की जा सकी थी। वैसे भारत इस वैश्विक स्पर्धा में अब तक 12 पदक जीत चुका है।

केन येव ने श्रीकांत से तीन वर्ष पुराना हिसाब चुकाया

गैरवरीय लो केन येव की बात करें तो उन्होंने प्रतियोगिता के पहले ही दौर में दूसरी सीड डेनमार्क के विक्टर एक्ल्सेन को चौंकाया था और फिर शनिवार को सेमीफाइनल में तीसरी सीड डेनमार्क के ही आंद्रेस एंटोन्सेन को सीधे गेमों में मात दी थी। इसके साथ ही सिंगापुरी खिलाड़ी ने श्रीकांत के साथ स्कोर 1-1 बराबर कर लिया है। इन दोनों खिलाड़ियों की पहली मुलाकात (2018 के राष्ट्रकुल खेलों की मिश्रित टीम स्पर्धा का सेमीफाइनलश) श्रीकांत के नाम रही थी।

यामागुची ने जीती महिला एकल उपाधि

इसके पूर्व महिला एकल के रूप में दिन का पहला फाइनल खेला गया, जिसमें दूसरी सीड जापानी अकाने यामागुची ने विश्व रैंकिंग की शीर्षस्थ ताइवानी खिलाड़ी ताइ जू यिंग को 46 मिनट में 21-13, 21-14 से हराकर सर्वजेता का गौरव अर्जित किया।

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