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भारतीय हॉकी टीम ने 13 मैचों बाद विश्व नंबर एक ऑस्ट्रेलिया को दी मात, तीसरा टेस्ट 4-3 से जीता

भारतीय हॉकी टीम ने 13 मैचों बाद विश्व नंबर एक ऑस्ट्रेलिया को दी मात, तीसरा टेस्ट 4-3 से जीता

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एडिलेड, 30 नवम्बर। शुरुआती दो टेस्ट मैचों में संघर्षपूर्ण पराजय के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने बुधवार को यहां पांच मैचों की सीरीज के तीसरे टेस्ट में जबर्दस्त प्रदर्शन किया और एफआईएच रैंकिंग में विश्व नंबर एक ऑस्ट्रेलिया 4-3 से हरा दिया। भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 मैचों के बाद यह पहली जीत है।

उल्लेखनीय है कि हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में उतरी भारतीय टीम को पहले दो मैचों में क्रमशः 4-5 व 4-7 से पराजय झेलनी पड़ी थी। फिलहाल इस जीत सेसीरीज जीवंत हो उठी है। सीरीज के अगले दो मैच में यहीं क्रमशः तीन और चार दिसम्बर को खेले जाने हैं।

मैच में एक छोड़ सभी गोल पेनाल्टी कॉर्नर से हुए

तीसरे मैच की खासियत यह रही कि सात में छह गोल शॉर्ट कॉर्नर से हुए। भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह (12वां मिनट), अभिषेक (47वें मिनट), शमशेर सिंह (57वें मिनट) और आकाशदीप सिंह (60वें मिनट) ने गोल किए। आकाशदीप का गोल जमीनी रहा। वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए जैक वेल्च (25वें), कप्तान एरान जालेस्की (32वें) और नाथन इफ्राम्स (59वें) ने पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल दागे।

मैच में दोनों टीमों ने धैर्यपूर्वक शुरुआत की और जवाबी हमले की जगह विरोधी टीम को मौका देने से बचने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि सातवें मिनट में मैच का पहला मौका बनाया, लेकिन उसके खिलाड़ी भारतीय रक्षापंक्ति को चकमा देने के बाद गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक की सजगता से पार नहीं पा सके।

हरमनप्रीत ने खोला भारत का खाता

इसके पांच मिनट के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने पेनाल्टी कॉर्नर पर ताकत का इस्तेमाल करने की जगह ‘प्लेसमेंट’ पर ध्यान देते हुए ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर जोहान डर्स्ट की दाहिनी ओर गोल कर भारत को बढ़त दिला दी। इसके तुरंत बाद युवा खिलाड़ी सुखजीत सिंह ने अपने कौशल का शानदार परिचय दिया, लेकिन उनका प्रयास गोल में नहीं बदल सका।

दूसरे क्वार्टर में 20वें मिनट में भारत के अनुभवी गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश ने ऑस्ट्रेलिया के दो और प्रयास विफल कर दिए। उन्होंने मैदानी शॉट पर शानदार बचाव करने के एक मिनट बाद पेनाल्टी कॉर्नर पर ऑस्ट्रेलिया को गोल करने से रोका।

मध्यांतर पर स्कोर 1-1 बराबर

ऑस्ट्रेलिया ने 25वें मिनट में बराबरी हासिल की, जब वेल्च ने सीरीज का अपना तीसरा गोल किया। श्रीजेश ने पेनाल्टी कॉर्नर पर जैरी टिम हावर्ड के प्रहार पर जेरी हेवर्ड की ड्रैग-फ्लिक को विलफ किया, लेकिन वेल्च ने रिबाउंड पर इसे गोल में बदल दिया।

तीसरे क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया ने ली बढ़त

मध्यांतर के बाद घरेलू टीम ने बढ़ल लेने के लिए अधिक जोर लगाना शुरू किया और दो मिनट में दो पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किये। श्रीजेश एक को रोकने में सफल रहे जबकि टिम होवार्ड के शॉट पर कप्तान जालेस्की ने गोल कर ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से आगे कर दिया।

अंतिम क्वार्टर में 4 गोल देखने को मिले

आखिरी क्वार्टर में अभिषेक ने हरमनप्रीत की फ्लिक को गोल पोस्ट में डाल स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। भारत को इसके बाद 52वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन टीम इसे भुनाने में नाकाम रही। राजकुमार पाल का शॉट इसके बाद सर्किल के दूर से निकल गया।

भारतीय टीम ने इस क्वार्टर में बेहतर खेल दिखाया और टीम एक और पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही। जुगराज के प्रयास के विफल होने के बाद शमशेर ने गेंद पर नियंत्रण बनाकर गोल दाग दिया। मैच के आखिरी मिनट में इफ्राम्स के गोल से ऑस्ट्रेलिया ने बराबरी की, लेकिन आखिरी हूटर बजने से 54 सेकेंड पहले भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे मंदीप सिंह के शॉट को आकाशदीप ने गोल में डिफ्लेक्ट कर टीम को यादगार जीत दिला दी।

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