हृदय विदारक घटना : मेरठ में जुड़वा भाइयों की कोरोना से मौत, दोनों 24वां जन्मदिन मनाने के बाद पड़े थे बीमार
मेरठ, 18 मई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक कारुणिक घटना सामने आई, जहां कोरोना पीड़ित जुड़वा भाइयों की कुछ घंटों के अंतराल पर मौत हो गई। दोनों पिछले माह 23 अप्रैल को एक साथ अपना 24वां जन्मदिन मनाने के बाद बीमार पड़े थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद दोनों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा था।
मेरठ के छावनी क्षेत्र के निवासी ग्रेगरी रेमंड राफेल के घर 23 अप्रैल,1997 को जुड़वा बेटों ने जन्म लिया था। जन्म के बाद शैशवकाल से युवावस्था तक जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी हर काम एक साथ करते थे। यही नहीं उन्होंने नौकरी भी एक साथ की।
किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि दोनों भाई साथ-साथ बीमार पड़ेंगे और इस दुनिया को अलविदा कह देंगे। फिलहाल दोनों अपना 24वां जन्मदिन मनाने के एक दिन बाद 24 अप्रैल को वे बीमार पड़े और फिर कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान पिछले हफ्ते 13 व 14 मई को उनकी मौत हो गई।
पिता ने कहा – नहीं पता था कि दोनों बेटे एक साथ इस दुनिया से विदा भी हो जाएंगे
रेमंड ने बताया, ‘मेरे जुड़वा बेटे जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी एक साथ सोते, खाते, खेलते, पढ़ाई करते। यहां तक कि दोनों ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री भी साथ-साथ ली और हैदराबाद में साथ-साथ नौकरी ज्वॉइन की। लेकिन मुझे नहीं पता था कि दोनों एक साथ बीमार पड़ेंगे और एक साथ ही इस दुनिया से विदा भी हो जाएंगे।’
राफेल परिवार पर तो मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। रूंधे गले से रेमंड ने कहा, ‘मैं जानता था कि या तो दोनों स्वस्थ होकर एक साथ घर लौटेंगे। लेकिन यदि कहीं किसी एक को कुछ हो गया था तो दूसरा भी नहीं बचेगा।’
दूसरी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई थी
परिवार ने यह सोचकर दोनों भाइयों का शुरू में घर पर ही इलाज किया कि बुखार उतर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ग्रेगरी ने कहा कि जुड़वा बच्चों को एक मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी पहली रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। कुछ दिनों बाद उनकी दूसरी आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। डॉक्टर उन्हें कोविड वार्ड से आईसीयू में ले जाने की योजना बना रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
राफेल ने बताया, ‘पहले जोफ्रेड की मौत हुई। जब इसकी खबर मेरी पत्नी सोजा को हुई तो उसके मुंह से बस यही निकला कि अब राल्फ्रेड भी नहीं बचेगा। यही हुआ, कुछ घंटों बाद राल्फ्रेड के मरने की खबर भी आई।’
उन्होंने कहा, ‘वे हमें एक बेहतर जिंदगी देना चाहते थे। हम लोगों ने टीचिंग करके बच्चों को पाला-पोसा। बहुत संघर्ष किया। दोनों हैदराबाद से कोरिया और फिर जर्मनी जाने की योजना बना रहे थे। मुझे नहीं पता कि भगवान ने हमें इस तरह सजा क्यों दी।’
राल्फ्रेड ने आखिरी फोन अपनी मां को किया था। तब उसने मां से कहा था कि वह ठीक हो रहा है और जोफ्रेड के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। हालांकि तब तक जोफ्रेड की मौत हो चुकी थी। घर वालों ने उसे नहीं बताया कि वह मर चुका है। उन लोगों ने कहा कि जोफ्रेड को दिल्ली के अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन राल्फ्रेड ने अपनी मां से कहा, ‘तुम झूठ बोल रही हो’ और फोन काट दिया।