1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. बिहार : ‘हम’ ने महागठबंधन को दिया झटका, जीतनराम मांझी के बेटे संतोष का नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा
बिहार : ‘हम’ ने महागठबंधन को दिया झटका, जीतनराम मांझी के बेटे संतोष का नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा

बिहार : ‘हम’ ने महागठबंधन को दिया झटका, जीतनराम मांझी के बेटे संतोष का नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा

0
Social Share

पटना, 13 जून। बिहार के महागठबंधन में एक बार फिर बड़ी रार देखने को मिल रही है। इस क्रम में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बेटे और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।

कहा – हमारी पार्टी का जदयू में विलय का दबाव बना रहे थे

संतोष सुमन ने कहा, ‘कोई नाराजगी नहीं हुई है। जदयू चाहती थी कि हम अपनी पार्टी को उनके साथ मर्ज कर दें। लेकिन हमें वो मंजूर नहीं था। हम अकेले संघर्ष करेंगे। हमें जदयू में विलय नहीं करना है। नीतीश कुमार लगातार हमसे विलय करने के लिए कह रहे थे, लेकिन हमने इनकार कर दिया।

‘फिलहाल महागठबंधन में कायम, सीटें नहीं मिलीं तो अपना रास्ता देखेंगे

संतोष सुमन ने कहा, ‘हम भाजपा के साथ जाएंगे या नहीं, ये अलग बात है। हम तो अपना अस्तित्व बचा रहे हैं। नीतीश कुमार हमारा अस्तित्व खत्म करना चाह रहे हैं। हम नीतीश कुमार के लिए अपनी पार्टी कैसे तोड़ दें। अभी हम महागठबंधन में हैं। कोशिश करेंगे कि उसी में रहें, लेकिन अगर सीट नहीं देंगे तो हम अपना रास्ता देखेंगे।’

विपक्षी एकजुटता बैठक से पहले दिया इस्तीफा

संतोष सुमन का इस्तीफा ऐसे वक्त पर हुआ, जब नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ पूरे देश की विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है। इस विपक्षी एकजुटता बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खड़गे और अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन समेत अन्य दलों के नेता शामिल होंगे। ऐसे में बिहार में महागठबंधन में फूट और जीतन राम मांझी के बेटे का इस्तीफा नीतीश के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

इसलिए नाराज हैं जीतन राम मांझी?

बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं। इस नाराजगी की वजह है कि नीतीश ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है, लेकिन महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को उसका न्योता नहीं भेजा है।

नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा था, ‘हम गठबंधन के तहत सूबे की पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हमारी पार्टी के लिए बिहार में पांच लोकसभा सीटें भी कम हैं। हम जिधर रहेंगे, उधर जीतेंगे, ये सभी को पता है।’ जीतनराम मांझी ने खुलकर कुछ नहीं कहा था, लेकिन उनके इस बयान को महागठबंधन से किनारा करने और एनडीए का दामन थामने की धमकी के तौर पर देखा जाने लगा था।

अमित शाह से कर चुके हैं मुलाकात

इससे पहले इसी वर्ष 13 अप्रैल को मांझी ने दिल्ली जाकर गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। अमित शाह से मुलाकात के दौरान मांझी ने माउंटेन मैन के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाई थी।

मांझी और अमित शाह की मुलाकात से एक बार फिर संकेत मिलने लगे थे कि 2024 से पहले वह एनडीए में वापस आ सकते हैं। हालांकि, मांझी हमेशा इस बात से इनकार करते आए हैं और कसमें खाते रहे हैं कि वह हमेशा नीतीश कुमार के साथ ही रहेंगे।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code