
नई दिल्ली, 23 जून। भारत के पूर्व वामहस्त स्पिनर दिलीप दोशी का सोमवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर यह सूचना साझा की दी। बीसीसीआई के अनुसार, उनका निधन हृदय संबंधी समस्याओं के कारण लंदन में हुआ।
The BCCI mourns the sad demise of former India spinner, Dilip Doshi, who has unfortunately passed away in London.
May his soul rest in peace 🙏 pic.twitter.com/odvkxV2s9a
— BCCI (@BCCI) June 23, 2025
गुजरात के राजकोट में 22 दिसम्बर, 1947 को जन्मे दिलीप दोशी कई दशकों से इंग्लैंड में ही रह रहे थे। बीसीसीआई ने उनके निधन पर खेद जाहिर किया है। दिलीप दोशी के परिवार में उनकी पत्नी कालिंदी, बेटा नयन (जो सरे इंग्लिश काउंटी और सौराष्ट्र के लिए खेलता था) और बेटी विशाखा हैं।
वनडे में 3.96 की इकॉनमी से की थी गेंदबाजी
दिलीप दोशी ने भारत के लिए 33 टेस्ट और 15 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। इसमें उन्होंने क्रमशः 114 और 22 विकेट लिए। टेस्ट में उन्होंने छह बार पारी में पांच विकेट लिए थे। उन्होंने सिर्फ 28 टेस्ट मैच में 100 विकेट पूरे कर लिए थे। क्लासिकल लेफ्ट-आर्मर एक्शन से गेंदबाजी करने वाले दिलीप दोशी ने वनडे में 3.96 की इकॉनमी रेट से विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमों को उनके आर्म बॉल को संभालना मुश्किल लगता था।
करिअर की पहली ही टेस्ट पारी में झटके थे पांच विकेट
दिलीप दोशी ने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के पहले टेस्ट के दौरान अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और पहली पारी में 103 रन देकर छह विकेट लिए। उन्होंने मैच में 167 रन देकर आठ विकेट लिए। दोशी उन नौ भारतीय क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्होंने अपने पहले टेस्ट में पांच विकेट लिए हैं। वह जावेद मियांदाद ही थे, जिन्होंने 1982-83 में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से उनकी विदाई में तेजी ला दी थी।
सुनील गावस्कर के करीबी दोस्त थे
जावेद मियांदाद अक्सर खेल के बीच में उनके कमरे का नंबर पूछकर उन्हें चिढ़ाते थे। जावेद मियांदाद गंदे लहजे में पूछते थे, ‘ऐ दिलीप तेला लूम नंबर क्या है।’ उन दिनों उनकी बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण शीर्ष स्तर का नहीं था, लेकिन उस दौर में वह टिके रहे क्योंकि उनकी गेंदबाजी बेहतरीन थी। वह सुनील गावस्कर के करीबी दोस्त थे।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लिए थे 898 विकेट
प्रथम श्रेणी क्रिकेट की बात करें तो दिलीप ने 238 मैच खेले और कुल 898 विकेट लिए। 59 लिस्ट ए मुकाबलों में 75 विकेट लिए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने बंगाल, सौराष्ट्र के अलावा इंग्लैंड की काउंटी टीमें हर्टफोर्डशायर, नॉटिंघमशायर और वारविकशायर के लिए भी खेला था। वह इंग्लिश काउंटी सर्किट में भी एक दिग्गज खिलाड़ी थे। उन्होंने वहां एक दशक से भी अधिक समय तक खेला।
क्रिकेट की वैश्विक वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने 2008 में उनके एक इंटरव्यू का हवाला देते हुए लिखा, ‘स्पिन गेंदबाजी दिमाग की लड़ाई है।’ उन्हें एक विचारवान क्रिकेटर माना जाता था। उन्होंने 1981 के मेलबर्न टेस्ट में यह बात साबित भी की थी। उस टेस्ट मैच को भारत ने जीता था।
टूटी हुई अंगुली के साथ खेला था टेस्ट मैच
उस मैच में दिलीप दोशी ने पांच विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने वह टेस्ट टूटी हुई अंगुली के साथ खेला था। ईलाज के तौर पर वह हर शाम इलेक्ट्रोड लगाकर अंगुलियों की सूजन कम करते थे। दिलीप दोशी चश्मा पहनकर गेंदबाजी करते थे। संन्यास के बाद वह लंदन चले गए थे, जहां वह एक सफल व्यवसायी बन गए।
दिलीप दोशी का निधन मेरे लिए निजी क्षति : निरंजन शाह
सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जयदेव शाह ने बताया, ‘दिलीप भाई को लंदन में दिल का दौरा पड़ा। वह अब नहीं रहे।’ वहीं बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा, ‘दिलीप का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। वह एक परिवार की तरह थे। वह बेहतरीन इंसानों में से एक थे।’
Heartbreaking to hear about Dilip bhai’s passing. May God give strength to his family and friends to bear this loss. Nayan, thinking of you buddy.🙏🏽
— Anil Kumble (@anilkumble1074) June 23, 2025
कुंबले ने भी दिवंगत क्रिकेटर को श्रद्धांजलि दी
पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने भी दिवंगत क्रिकेटर को श्रद्धांजलि दी। अनिल कुंबले ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘दिलीप भाई के निधन के बारे में सुनकर दिल टूट गया। भगवान उनके परिवार और दोस्तों को इस दुख को सहने की शक्ति दे। नयन, तुम्हारे बारे में सोच रहा हूं दोस्त।’