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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुगम दर्शन टिकट के नाम पर फर्जीवाड़ा, एक टिकट से कई लोगों की हो रही थी एंट्री

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुगम दर्शन टिकट के नाम पर फर्जीवाड़ा, एक टिकट से कई लोगों की हो रही थी एंट्री

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वाराणसी, 3 मई। द्वादश ज्योर्तिलिंगों में एक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुगम दर्शन टिकट के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। असली टिकट के नंबर पर फर्जी टिकट बनाकर लोगों का मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा था। फर्जीवाड़े में मंदिर हेल्प डेस्क पर तैनात एक कर्मचारी भी शामिल था। चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

सिक्योरिटी एप के लॉन्च होने से पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

दरअसल, नए एप के लॉन्च होने और क्यूआर कोड स्कैनिंग की शुरुआत होने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। माना जा रहा है कि लंबे समय से यह फर्जीवाड़ा किया जा रहा था और मंदिर के राजस्व को चूना लगाया जा रहा था।

ज्ञातव्य रहे कि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से देशभर से श्रद्धालुओं का बड़ी तादात में यहां आना जाना लगा हुआ है। हर रोज लाखों लोग केवल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए आ रहे हैं। मंदिर में भारी भीड़ से बचने के लिए लोग सुगम दर्शन का टिकट लेकर भी दर्शन करते हैं।

पिछले कुछ दिनों से फर्जी सुगम दर्शन टिकट की जानकारी मिल रही थी

पिछले कुछ दिनों से मंदिर के अधिकारियों को फर्जी सुगम दर्शन टिकट की जानकारी मिल रही थी। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के टिकट जारी होने की वजह से फर्जीवाड़ा पकड़ पाना मुश्किल हो रहा था। इसके लिए मंदिर प्रसाशन एवं डीसीपी सुरक्षा की टीम ने एक विशेष प्लान पर काम किया।

मंदिर प्रशासन ने फर्जीवाड़ा को पकड़ने के लिए आईटी विशेषज्ञों की मदद ली

मंदिर प्रशासन ने फर्जीवाड़ा को पकड़ने के लिए आईटी विशेषज्ञों की मदद ली। एक गोपनीय सिक्योरिटी एप तैयार कराया गया। इस एप से स्कैन एक टिकट केवल एक बार ही उपयोग किया जा सकता था। इस एप्लीकेशन की खासियत यह है कि एक बार कोई टिकट एक जगह स्कैन हो गया तो दूसरे प्रवेश द्वार पर उसे इन वैलिड टिकट बताने लगेगा। इस एप की जानकारी गोपनीय रखी गई। केवल गेट पर तैनात कर्मचारी को ही उस एप को लॉगिन करके दिया जाता था।

एप से टिकटों की स्कैनिंग के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ में आया

इस एप से टिकटों की स्कैनिंग के दौरान मंगलवार को पता चला कि एक ही टिकट को एक ही समय में अलग-अलग प्रवेश द्वारों पर इस्तेमाल किया गया। यानी एक टिकट का कई टिकट प्रिंट कराकर दर्शनार्थियों को दलालों ने मंदिर प्रवेश कराया था। पता चला कि मंदिर के अगल-बगल के दुकानदारों और दलालों द्वारा टिकट को एडिट करके कई टिकट बनाया जा रहा था। फर्जी टिकट से कई ग्राहकों को अलग-अलग प्रवेश द्वारों से मंदिर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा था।

प्रथम दृष्टया फर्जीवाड़े में 4 लोगों की संलिप्तता पाई गई

मंदिर प्रशासन ने प्रथम दृष्टया पाया कि चार लोग इसमें मुख्य रूप से संलिप्त हैं। इसके बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर हेल्पडेस्क प्रभारी ने चौक थाने में शुभम पांडे, अरुण पांडे, इरफान हैदर और शुभम अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कराया।

आरोपितों के खिलाफ सख्त विधिक काररवाई की जाएगी

मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अनुसार सिक्योरिटी एप के लॉन्च होने से यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। पुलिस को जांच सौंपी गई है। इसमें हेल्पडेस्क के एक आउटसोर्सिंग वर्कर के संलिप्तता की भी जांच कराई जा रही है। इसके साथ ही अन्य दलालों और दुकानदारों के शामिल होने की आशंका है। जांच में जितने लोग आरोपित होंगे, उनके खिलाफ सख्त विधिक काररवाई की जाएगी।

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