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मेरठ में हादसा : कांवड़ यात्रा के दौरान 11 हजार वोल्ट की लाइन की चपेट में आए 5 कांवड़ियों की मौत, 20 झुलसे

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मेरठ, 15 जुलाई। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में भावनपुर के राली चौहान गांव में शनिवार की रात करीब 8.30 बजे दर्दनाक हादसा हो गया, जब कांवड़ और उसके साथ चल रहा साउंड सिस्टम 11 हजार वोल्ट की बिजली लाइन की चपेट में आ गया और वाहन पर सवार तमाम लोग करंट से झुलस गए।

मृतकों में दो सगे भाई भी शामिल

हादसे में घायल हुए 20 लोगों को आनन-फानन में आसपास के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इनमें दो भाइयों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। सूचना मिलते ही एडीजी, आईजी और डीएम-एसएसपी भी मौके पर पहुंचे। वहीं, आक्रोशित ग्रामीणों ने मौके पर हंगामा करते हुए जाम लगा दिया और बिजली विभाग के कर्मचारियों पर मुकदमे की मांग की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार राली चौहान गांव निवासी संजू और प्रदीप अपने साथियों के साथ शनिवार रात कांवड़ लेकर हरिद्वार से गांव पहुंचे। गांव से बाहर मेरठ-किला मार्ग पर कांवड़ देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा थी। किला मार्ग से राली की ओर मुड़ने के दौरान साउंड सिस्टम की ट्रैक्टर-ट्रॉली और कांवड़ हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गई। पूरी ट्रॉली में करंट दौड़ गया और तमाम कांवड़ियां और आसपास मौजूद कई लोग झुलस गए। मौके पर चीख पुकार मच गई। कुछ लोगों ने घायलों को ट्रॉली से अलग किया। करीब 20 घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया। इनमें से पांच की मौत होने की पुष्टि की गई है। घायलों को गंगानगर के आईआईएमटी, मेरठ के आनंद अस्पताल और मेडिकल में भर्ती कराया गया है।

ग्रामीणों में आक्रोश, बिजली विभाग के कर्मचारियों पर केस दर्ज करने की मांग

सूचना पर डीएम और एसएसपी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। दूसरी ओर आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना के विरोध में हंगामा करते हुए जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के जेई और लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उनका आरोप था कि कांवड़ के साथ आ रहे पुलिसकर्मियों ने बिजलीघर पर कॉल कर तीन बार शटडाउन मांगा था। बावजूद इसके लाइन नहीं काटी गई और झूठ बोल दिया कि बिजली बंद कर दी गई है। इसके बाद कांवड़ आगे बढ़ाई तो वह लाइन की चपेट में आ गई और हादसा हुआ। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव कर दिया और नारे लगाए। कई थानों की फोर्स मौके पर बुलाई गई है।

दूसरी ओर एडीजी राजीव सबरवाल और आईजी आनंद अस्पताल और मेडिकल पहुंचे। फिलहाल पुलिस-प्रशासन की ओर से दो भाइयों – हिमांशु और प्रशांत, लखमी, मनीष सैनी और महेंद्र की मौत की पुष्टि की गई है। 15 घायल उपचाराधीन हैं, जिनमें से छह की हालत गंभीर है।