रक्षा मंत्री राजनाथ ने तवांग में सैन्य जवानों संग मनाया दशहरा, शस्त्र पूजा भी की
तवांग (अरुणाचल प्रदेश), 24 अक्टूबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक अग्रिम सैन्य स्थल पर सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया। उन्होंने इस अवसर पर शस्त्र पूजा भी की।
राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर सैनिकों के साथ दशहरा ऐसे समय मनाया है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। सिंह पिछले कई वर्षों से दशहरा के दौरान ‘शस्त्र पूजा’ करते रहे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में वह जब केंद्रीय गृह मंत्री थे, तब भी आज के दिन ‘शस्त्र पूजा’ किया करते थे।
भारत 2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा
सेना के चौथे कोर पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह ने ‘बड़ाखाना’ के दौरान सैनिकों के साथ बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों की वीरता और प्रतिबद्धता से पूरी दुनिया अवगत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का कद बढ़ा है और इसके पीछे के कई कारणों में एक अहम कारण देश की मजबूत एवं बहादुर सेना है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।
बड़ाखाना की अवधारणा की सराहना की
अपने संबोधन में सिंह ने बड़ाखाना की अवधारणा की सराहना करते हुए कहा कि यह सभी पदों के अधिकारियों और जवानों को एक ही परिवार के सदस्यों के तौर पर साथ खाना खाने के लिए साथ लाता है। उन्होंने कहा, ‘इस बड़ाखाना में आपके बीच होना दर्शाता है कि हम एक परिवार हैं और साथ मिलकर हम अपने देश के रक्षक हैं।’
विजयादशमी के पावन अवसर पर तवाँग में ‘शस्त्र पूजा’।
https://t.co/JIYcBbd1no— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 24, 2023
1962 युद्ध के नायक सूबेदार जोगिंदर सिंह को दी श्रद्धांजलि
राजनाथ सिंह ने अरुणाचल के बुम ला में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्र की सेवा में तैनात सेना के जवानों के साथ बातचीत की। उन्होंने 1962 के युद्ध के नायक सूबेदार जोगिंदर सिंह को बुम ला में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
‘राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र सदैव वीर सैनिकों का ऋणी रहेगा‘
उन्होंने कहा, ‘मैं चार साल पहले यहां आया था, लेकिन मैं विजयदशमी पर एक बार फिर बहादुर जवानों के बीच रहना चाहता था और उन्हें इस अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता था। इसलिए, मैं यहां आपके बीच हूं। उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र सदैव वीर सैनिकों का ऋणी रहेगा।’
गौरतलब है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से टकराव बना हुआ है जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
भारत कहता रहा है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होती। सेना ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों सहित करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती को काफी बढ़ा दिया है।