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आंध्र प्रदेश विधानभा चुनाव : चंद्रबाबू नायडू ने अंततः छीन ली जगन मोहन रेड्डी की सत्ता

आंध्र प्रदेश विधानभा चुनाव : चंद्रबाबू नायडू ने अंततः छीन ली जगन मोहन रेड्डी की सत्ता

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अमरावती, 4 जून। कोई तीन वर्ष पहले की बात है, जब क्रोध में तमतमाए चंद्रबाबू नायडू ने राज्य विधानसभा से बाहर निकल कर कसम खाई थी कि अब वह तभी लौटेंगे, जब मुख्यमंत्री बन जाएंगे। वर्ष 2021 में परिवार के सदस्य के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में विधानसभा से बहिर्गमन करने वाले नायडू अंततः मंगलवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को प्रचंड बहुमत दिलाकर अपनी इस शपथ को पूरा करते दिखे। इस क्रम में उन्होंने जगन मोहन रेड्डी की अगुआई वाली YSRCP से पांच वर्ष पुरानी सत्ता भी छीन ली।

तेदेपा-भाजपा-जनसेना पार्टी के गठबंधन की एकतरफा जीत

मतगणना के अंतिम आंकड़ों के अनुसार तेदेपा ने, जिसके निवर्तमान विधानसभा में 23 सदस्य हैं, 175 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीटें जीतने के साथ बहुमत के आंकड़े (88) से काफी आगे जाते हुए अकेले तीन चौथाई बहुमत हासिल कर लिया। वहीं, टीडीपी की सहयोगी भाजपा ने आठ सीटों पर जीत हासिल की जबकि गठबंधन के एक अन्य सहयोगी अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना पार्टी ने 21 सीटें अपने नाम कीं।

आंध्र प्रदेश विधानसभा का अंतिम चुनाव परिणाम

यानी गठबंधन के तीनों घटक दलों में 175 में कुल मिलाकर 164 सीटों के साथ एकतरफा जीत हासिल कर ली। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी 11 सीटों पर सिमटकर रह गई। जगन मोहन की पार्टी वर्ष 2019 में 151 सीटें जीतकर सत्ता में आई थी।

लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन की बंपर जीत

लोकसभा चुनाव के परिणम भी कुछ ऐसे ही रहे। 25 सीटों में गठबंधन ने कुल 21 सीटें जीतीं। इनमें तेदेपा को 16, भाजपा को तीन और जनसेना पार्टी को दो सीटें मिलीं जबकि वाईएसआरसीपी चार सीटों पर सिमट कर रह गई, जिसने  2019 के लोकसभा चुनाव में 22 सीटें जीती थीं।

देखा जाए तो आंध्र प्रदेश में अलग-अलग समय पर 13 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान कई कीर्तिमान रच चुके नायडू को आईटी क्षेत्र में अपने राज्य को अग्रणी स्थान पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है तथा वह राज्य ही नहीं केंद्र की राजनीति के भी कुशल रणनीतिकार रहे हैं।

विशेष राज्य के दर्जे को लेकर 2018 में एनडीए से नाता तोड़ चुके हैं नायडू

नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर मार्च, 2018 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ लिया था, लेकिन वर्ष 2019 के विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार ने उन्हें सियासी नेपथ्य में धकेल दिया।

ठीक छह वर्ष बाद मार्च, 2024 में नायडू ने राजग में वापसी की और आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनसेना के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। गठबंधन के तहत प्रदेश की कुल 175 विधानसभा सीटों में से तेदेपा 144, जनसेना 21 और भाजपा 10 सीट पर चुनाव लड़ी थी।

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