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GPAI समिट में बोले पीएम मोदी – ‘AI पर बहुत सावधानी बरतने की जरूरत, 21वीं सदी में विकास का Tool भी बन सकता है और तबाह भी कर सकता है’

GPAI समिट में बोले पीएम मोदी – ‘AI पर बहुत सावधानी बरतने की जरूरत, 21वीं सदी में विकास का Tool भी बन सकता है और तबाह भी कर सकता है’

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नई दिल्ली, 12 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है। यहां 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा Tool भी बन सकता और तबाही का कारक भी बन सकता है। वह राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम मेधा पर वैश्विक साझेदारी सम्मेलन (GPAI समिट) के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

पीएम मोदी ने कहा, ‘कृत्रिम मेधा पर हमें बहुत सावधानी से चलना होगा। डीप फेक का चैलेंज पूरी दुनिया के सामने है। साइबर सिक्योरिटी, डेटा थेफ्ट, आतंकियों के हाथ में AI टूल्स के आने का भी बहुत बड़ा खतरा है। AI 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा टूल बन सकता है और 21वीं सदी को तबाह करने में भी सबसे बड़ी भूमिका निभा सकता है।’

Deepfake का challenge आज पूरी दुनिया के सामने है

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘Deepfake का challenge आज पूरी दुनिया के सामने है। हमें AI के ethical use के लिए मिलकर global framework तैयार करना होगा। एआई के नैतिक इस्तेमाल के लिए वैश्विक रूपरेखा बनाने की जरूरत है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत एआई का उपयोग करके स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव लाने पर काम कर रहा है। एआई सतत विकास में भूमिका निभा सकता है। भारत कृत्रिम मेधा के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है।’

‘AI सिर्फ नई Technology नहीं, World wide movement बन गई है

उन्होंने कहा, ‘AI सिर्फ एक नई Technology ही नहीं है। ये World wide movement बन गई है। इसलिए हम सभी का मिलकर काम करना आवश्यक है। Al transformative तो है ही, लेकिन ये हम पर है कि हम इसे ज्यादा से ज्यादा transparent बनाएं। अगर हम इस्तेमाल हो रहे Data और algorithms को, transparent और free from bias बना सके तो ये एक अच्छी शुरुआत होगी।’

उन्होंने कहा, ‘हमें दुनिया को यकीन दिलाना होगा ​कि AI उनके लाभ के लिए है, उनके भले के लिए है। हमें दुनिया के विभिन्न देशों को ये भी विश्वास दिलाना होगा कि इस Technology की विकास यात्रा में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। AI पर विश्वास तब बढ़ेगा, जब AI से जुड़े Ethical, Economic और social concern पर ध्यान दिया जाएगा।’

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