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केंद्र सरकार ने दिया बड़ा झटका : ईपीएफ पर चार दशक में सबसे कम ब्याज दर को मंजूरी

केंद्र सरकार ने दिया बड़ा झटका : ईपीएफ पर चार दशक में सबसे कम ब्याज दर को मंजूरी

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नई दिल्ली, 3 जून। केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के लगभग पांच करोड़ अंशधारकों को वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दे दी है। चार दशकों में यह ईपीएफ पर मिलने वाली सबसे कम ब्याज दर है।

श्रम मंत्रालय ने भविष्य निधि जमा पर 8.1% ब्याज की मंजूरी दी

ईपीएफओ कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश में बताया गया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफओ अंशधारकों को बीते वित्तीय वर्ष के लिए 8.1 प्रतिशत ब्याज की मंजूरी मिलने के बारे में सूचना दी है।

ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने मार्च में लिया था निर्णय

उल्लेखनीय है कि बीते मार्च में ही ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2021-22 के लिए देय ब्याज दर को 2020-21 के 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था। श्रम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिये वित्त मंत्रालय को भेजा था।

ईपीएफओ अब कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में ब्याज राशि डालना शुरू करेगा

सरकार से मंजूरी मिल जाने के बाद ईपीएफओ अब कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में ब्याज राशि डालना शुरू करेगा। ईपीएफ जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज 1977-78 के बाद सबसे कम है। उस समय ब्याज दर आठ प्रतिशत रही थी।

सीबीटी में कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले न्यासी केई रघुनाथन ने कहा कि जिस गति से श्रम एवं वित्त मंत्रालयों ने ब्याज दर को मंजूरी दी है, कर्मचारियों को कोष की जरूरत को देखते हुए वह वास्तव में सराहनीय है। इससे उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

सीबीटी ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय मार्च, 2021 में किया था। वित्त मंत्रालय ने इसे अक्टूबर 2021 में मंजूरी दी। उसके बाद ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को 2020-21 के लिए 8.5 प्रतिशत की दर से ईपीएफ खातों में ब्याज डालने का निर्देश दिया था।

2019-20 के लिए 7 वर्षों में सबसे कम 8.5 फीसदी थी ब्याज दर

ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए मार्च 2020 में भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर कर दिया था। इससे पहले, 2018-19 में यह 8.65 प्रतिशत था जबकि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ ब्याज दर 2012-13 के बाद सबसे कम थी। उस समय इसे कम कर 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था।

ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 2016-17 के लिए 8.65 प्रतिशत और 2017-18 के लिए 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। इससे पहले, वित्त वर्ष 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी जबकि 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी। यह 2012-13 में दिए गए 8.5 प्रतिशत ब्याज से ज्यादा था। वित्त वर्ष 2021-12 में कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज 8.25 प्रतिशत रखा गया था।

 

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