1. Home
  2. हिंदी
  3. राष्ट्रीय
  4. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया – जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव कराने को तैयार
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया – जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव कराने को तैयार

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया – जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव कराने को तैयार

0
Social Share

नई दिल्ली, 31 अगस्त। केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव के लिए वह तैयार है। सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य में मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया काफी हद तक पूरी हो चुकी है और इसे तैयार होने में एक महीने का समय लगेगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता बोले – मतदाता सूची काफी हद तक अपडेट हो चुकी है

तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव और नगर निगम चुनाव के बाद होने की संभावना है। हालांकि यह राज्य चुनाव आयोग और केंद्रीय चुनाव आयोग को तय करना है कि कौन सा चुनाव पहले होना चाहिए।

पंचायत व नगर निगम चुनावों के बाद होंगे विधानसभा चुनाव

देश के प्रधान न्यायधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ को मेहता ने बताया, ‘जम्मू-कश्मीर में तीन चुनाव होने वाले हैं। पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था लागू की गई है। इनमें पहला चुनाव पंचायतों का होगा। जिला विकास परिषद के चुनाव पहले ही हो चुके हैं।’

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की समय सीमा देने से परहेज

हालांकि, जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सरकार कब तक जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करेगी, इस पर मेहता ने कोई विशिष्ट समय सीमा देने से परहेज किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।

जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी

तुषार मेहता ने कहा, ‘जहां तक राज्य का सवाल है, मैं पहले ही एक बयान दे चुका हूं। इसके अलावा, संसद के पटल पर गृह मंत्री भी बयान दे चुके हैं कि यूटी एक अस्थायी चीज है और हम वहां एक बेहद असाधारण स्थिति से निबट रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में अब तक आतंकी घटनाओं में 2018 की तुलना में 45.2 प्रतिशत की कमी आई है और घुसपैठ 90.2 प्रतिशत कम हुई है।’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पूछा कि क्या अदालत अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधता पर विचार करते समय इसे ध्यान में रख रही है, इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि पीठ संवैधानिक आधार पर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधता का निबटारा करेगी और चुनाव या राज्य से संबंधित अन्य तथ्य उसे प्रभावित नहीं करेंगे।

कपिल सिब्बल ने आतंकवाद से संबंधित घटनाओं पर केंद्र के आंकड़ों को उच्चतम न्यायालय द्वारा रिकॉर्ड में लिए जाने पर भी आपत्ति जताई। इस पर भी प्रधान न्यायाधीश ने सिब्बल को आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं पर केंद्र के आंकड़े न्यायालय द्वारा देखे जा रहे अनुच्छेद 370 के संवैधानिक मुद्दे को प्रभावित नहीं करेंगे।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code