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बिहार : उप मुख्यमंत्री तेजस्वी ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरा, कहा – नहीं होगा मंत्रिमंडल का विस्तार

बिहार : उप मुख्यमंत्री तेजस्वी ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरा, कहा – नहीं होगा मंत्रिमंडल का विस्तार

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पटना, 2 फरवरी। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने महागठबंधन सरकार के एक घटक कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए साफ कर दिया है कि राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार की कोई योजना नहीं है। तेजस्वी ने यह भी कहा, ‘मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिकार इस बात की चर्चा कहां से निकल कर सामने आई है? यह साफ कर देता हूं कि अभी इसको लेकर गठबंधन के अंदर कोई भी बात नहीं हुई है।’

सीएम नीतीश भी बोले – कांग्रेस की मांगों पर अभी विचार नहीं

गौरतलब है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस द्वारा कैबिनेट विस्तार की मांग की जा रही थी। कांग्रेस के तरफ से यह दावा भी किया जा रहा था कि खरमास के बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट का विस्तार करेंगे। इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांगों को लेकर अभी कोई भी विचार नहीं किया गया है।

अखिलेश प्रसाद सिंह शुरू से ही कांग्रेस के लिए 4 मंत्री पद मांग रहे

दरअसल, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि विधानसभा में अपने विधायकों की संख्या के आधार पर कैबिनेट में कांग्रेस को चार मंत्री पद मिलना चाहिए।

अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना है, ‘इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मैंने बात की है और उन्होंने आश्वासन भी दिया है।’ वहीं मुख्यमंत्री ने भी यह साफ कर दिया था कि मंत्रिमंडल विस्तार जो होगा, वो राजद कोटा के दो मंत्रियों से भरा जाएगा, जो अन्यान्य कारणों से हटे थे। साथ ही कांग्रेस को भी जगह दी जाएगी।

गौरतलब है कि अगस्त, 2022 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब राजद कोटे से तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। विधायकों की संख्या के हिसाब से राजद सबसे बड़ी पार्टी है, इसलिए उसके सर्वाधिक 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।

हालांकि बाद में सुधाकर सिंह और कार्तिक सिंह को विवादों के बाद कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं इसके अलावा जदयू से 11, कांग्रेस से दो, हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा से एक और एक निर्दलीय विधायक मंत्री बने। वाम दलों ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया है।

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