G7 समिट : पीएम मोदी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ ‘सख्त काररवाई’ पर दिया जोर
कनानास्किस (कनाडा), 18 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में हिस्सा लेते हुए ‘आतंकवाद का समर्थन और उसे बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ सख्त काररवाई का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों पर जोर देते हुए देशों से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने की बात पर जोर दिया।
पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मजबूत समर्थन देने के लिए वैश्विक समुदाय का आभार जताते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था।’ ईरान-इजराइल में जारी संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अनिश्चितता और संघर्षों ने ग्लोबल साउथ के देशों पर बहुत बुरा असर डाला है। भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज को विश्व मंच पर उठाने की जिम्मेदारी ली है।’
पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो गया है, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अमेरिका में हैं। मुनीर बुधवार को ‘ह्वाइट हाउस’ में लंच पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक स्थायी भविष्य के बारे में गंभीर है, तो दुनिया के लिए ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को समझना महत्वपूर्ण है।
ऊर्जा सुरक्षा भविष्य की पीढ़ियों के सामने प्रमुख चुनौतियों में से एक
‘ऊर्जा सुरक्षा’ पर एक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को उनके निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही जी7 को अपनी यात्रा के 50 साल पूरे होने पर बधाई दी। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऊर्जा सुरक्षा भविष्य की पीढ़ियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक है।
During the G7 Summit in Canada, had addressed an Outreach Session on ‘The Future of our Energy Security: Diversification, and Strengthening Of Supply Chains.’
Here are some highlights from my address… https://t.co/OkFA8YGmqt
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2025
‘सस्टेनेबल’ और ‘ग्रीन फ्यूचर’ के लिए भारत प्रतिबद्ध
समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर विस्तार से बात करते हुए पीएम मोदी कहा कि “उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता वह सिद्धांत हैं, जो ऊर्जा सुरक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसने समय से पहले अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसके साथ ही उन्होंने एक ‘सस्टेनेबल’ और ‘ग्रीन फ्यूचर’ के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
टेक्नोलॉजी, एआई और एनर्जी के बीच संबंधों पर भी बात की
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस, आपदारोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस, वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड जैसी कई वैश्विक पहल की हैं। पीएम मोदी ने अपने भाषण में टेक्नोलॉजी, एआई और एनर्जी के बीच संबंधों पर भी बात की। टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी टेक्नोलॉजी को प्रभावी होने के लिए आम लोगों के जीवन में मूल्य लाना चाहिए।
