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विश्व कुश्ती : अंशु मलिक ने रजत पदक जीतकर रचा इतिहास, सरिता को कांस्य

विश्व कुश्ती : अंशु मलिक ने रजत पदक जीतकर रचा इतिहास, सरिता को कांस्य

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ओस्लो (नार्वे), 8 अक्टूबर। भारतीय महिला पहलवान अंशु मलिक ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में जीतकर इतिहास रचा है। वह इस स्पर्धा में रजत पदक जीतने वालीं देश की पहली महिला पहलवान बन गई हैं। अंशु के अलावा सरिता मोर ने भी कांस्य पदक जीता।

विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली देश की पहली महिला पहलवान 19 वर्षीया अंशु मलिक 57 किलोग्राम वर्ग की फाइनल बाउट में 1996 की ओलंपिक पदक विजेता अमेरिकी हेलेन मारोलिस के हाथों 1-4 से पराजित हुईं और स्वर्ण पदक से चूक गई। दूसरी तरफ सरिता ने 59 किलोग्राम वर्ग में कनाडा की सारा लिंडबर्ग को 8-2 से पराजित किया।

सकारात्मक शुरुआत के बाद अंशु की पकड़ ढीली पड़ी

मौजूदा एशियाई चैंपियन अंशु ने आक्रामक और सकारात्मक शुरुआत की। उन्होंने पहले पीरियड के बाद 1-0 से आगे थीं, लेकिन दूसरे पीरियड में हेलेन पूरी तरह हावी रहीं। हेलेन ने टेकडाउन मूव के साथ 2-1 की बढ़त बनाई। उन्होंने अंशु के दाएं हाथ को नहीं छोड़ा और दो और अंक के साथ 4-1 से आगे हो गईं। अंशु काफी दर्द में दिख रही थीं और मुकाबले के तुरंत बाद उन्हें चिकित्सा सहायता भी लेनी पड़ी।

सरिता ने शुरुआत से ही कनाडाई मल्ल को दबोच लिया

मौजूदा एशियाई चैंपियन सरिता ने स्वीडिश पहलवान को शुरुआत से ही दबोच लिया और अच्छी शुरुआत करते हुए चार अंक जुटाए, फिर टेकडाउन के साथ दो और अंक हासिल किए। सरिता पहले पीरियड के बाद 6-0 से आगे थीं. उन्होंने दूसरे पीरियड की शुरुआत में बढ़त 8-0 की।अंतिम लम्हों में सरिता ने टेकडाउन से अंक गंवाए, लेकिन पर्याप्त बढ़त के कारण आसान जीत दर्ज करने में सफल रहीं।

सरिता का विश्व चैंपियनशिप में यह छठे प्रयास में पहला पदक है। इससे पहले वह एक बार अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप और चार बार सीनियर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने में नाकाम रही हैं।

विश्व कुश्ती में भारतीय महिलाओं को अब तक छह पदक

अंशु और सरिता की उपलब्धियों के साथ ही भारतीय महिला मल्ल विश्व कुश्ती में अब तक छह पदक जीत चुकी हैं। इससे पहले गीता फोगाट (2012), बबीता फोगाट (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगाट (2019) कांस्य पदक जीत चुकी हैं। देखा जाए तो भारतीय महिला टीम का विश्व चैंपियनशिप में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 2012 में फोगाट बहनों ने दो कांस्य पदक जीते थे। विश्व कुश्ती में अब तक देश के इलकौते स्वर्ण पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार (2010) हैं।

इसके पूर्व सुबह के सत्र में दिव्या काकरान (72 किग्रा) को अपने रेपचेज मुकाबले में शिकस्त झेलनी पड़ी। उन्हें मंगोलिया की दवानासन एंख अमर ने हराया।

उधर ग्रीको रोमन पहलवानों ने एक बार फिर निराशाजनक प्रदर्शन किया, जो हैरानी भरा नहीं है। संदीप (55 किग्रा), विकास (72 किग्रा), साजन (77 किग्रा) और हरप्रीत सिंह (82 किग्रा) प्रतियोगिता से बाहर हो गए। सिर्फ साजन एक मुकाबला जीतने में सफल रहे जबकि अन्य तीन पहलवान अपना पहला मुकाबला ही हार गए।

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