1. Home
  2. राज्य
  3. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शुरू की तीन दिवसीय मंदिर यात्रा
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शुरू की तीन दिवसीय मंदिर यात्रा

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शुरू की तीन दिवसीय मंदिर यात्रा

0
Social Share

केरल ,तमिलनाडु,12फ़रवरी। आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण केरल और तमिलनाडु के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह यहां मंदिरों में पूजन-अर्चन करेंगे। इसे उनके ‘सनातन धर्म परिरक्षण’ यानी प्राचीन धर्म की रक्षा के अभियान के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह यात्रा कोच्चि हवाई अड्डे पर उतरने के बाद श्री अगस्त्य महर्षि मंदिर से शुरू की।

इसके बाद पवन कल्याण तमिलनाडु के मदुरै स्थित प्रसिद्ध मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर पहुंचे। अगले दो दिनों तक उनका तमिलनाडु के अन्य मंदिरों में दर्शन करने का कार्यक्रम है, जिनमें श्री परशुराम स्वामी मंदिर, अगस्त्य जीव समाधि, कुंभेश्वर मंदिर, स्वामीमलाई और तिरुत्तनी सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर शामिल हैं।

पिछले कुछ समय से पवन कल्याण वायरल बुखार और गंभीर स्पोंडिलोसिस की समस्या से जूझ रहे थे। ठीक होने के बाद उन्होंने यह यात्रा शुरू की है। पहले उन्होंने पांच दिवसीय तीर्थयात्रा की योजना बनाई थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से इसे घटाकर तीन दिन कर दिया गया। इसी वजह से वो मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ मंत्रियों और सचिवों की एक महत्वपूर्ण बैठक में भी शामिल नहीं हो सके।

यह बैठक पंचायती राज और ग्रामीण विकास की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। जन सेना नेता और नागरिक आपूर्ति मंत्री नादेंदला मनोहर ने बैठक में बताया कि पवन कल्याण पिछले दो सप्ताह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हालांकि, वह जल्द ही अपने सरकारी कामकाज पर लौट आएंगे। मुख्यमंत्री नायडू ने उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई और फोन पर बात करने की कोशिश भी की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

आंध्र प्रदेश में जून 2024 में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेतृत्व में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद पवन कल्याण ने ‘सनातन धर्म’ की रक्षा के लिए मुखर होकर बोलना शुरू किया। खासकर तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू में कथित मिलावट का मामला सामने आने के बाद उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने ‘प्रशस्ति दीक्षा’ नाम की एक प्रतिज्ञा ली और सनातन धर्म की सुरक्षा के लिए एक विशेष कानून और राष्ट्रीय स्तर पर एक बोर्ड बनाने की मांग की।

पिछले साल 3 अक्टूबर को तिरुपति में एक जनसभा के दौरान पवन कल्याण ने कहा था कि धर्मनिरपेक्षता को इस तरह लागू किया जाना चाहिए कि किसी भी धर्म या आस्था को खतरा होने पर सभी को समान अधिकार मिले और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उनके इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था।

अब जब वे तमिलनाडु की यात्रा कर रहे हैं, तो इसके भी राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म के विरोधी माने जाते हैं और उन्होंने 2023 में इस पर विवादित टिप्पणी भी की थी। ऐसे में पवन कल्याण की यह यात्रा राज्य में राजनीति को और गरमा सकती है।

तमिलनाडु की भाजपा इकाई के अध्यक्ष अन्नामलाई के भी इस दौरे के दौरान पवन कल्याण से मिलने और उनके साथ मंदिरों में दर्शन करने की संभावना जताई जा रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि पवन कल्याण का यह दौरा न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code