
श्रीनगर, 14 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर हज यात्रा की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीजफायर की घोषणा के बाद हज यात्रियों का दूसरा जत्था बुधवार को सऊदी अरब के लिए श्रीनगर से रवाना हुआ।
उल्लेखनीय है कि श्रीनगर में हज यात्रा को लेकर कैंप लगाए गए हैं, जहां सऊदी अरब जाने वाले लोग हज यात्रा की प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, हज यात्री करेंसी को भी एक्सचेंज करवा रहे हैं।
श्रीनगर से हज यात्रियों का पहला जत्था 4 मई को रवाना हुआ था
गौरतलब है कि श्रीनगर से हज यात्रियों का पहला जत्था गत चार मई को रवाना हुआ था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वजह से 7 मई और 12 मई को रवाना होने वाले हज यात्रियों की सात उड़ानें रद कर दी गई थीं। फिलहाल आज से उड़ाने फिर शुरू हुई हैं। श्रीनगर एयरपोर्ट पर मंगलवार से ही फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हुए हैं।
इससे पहले, चार मई को जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से केंद्र शासित प्रदेश के पहले हज जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। उन्होंने इस दौरान यात्रियों से संवाद किया और उन्हें यात्रा के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दी थीं। उन्होंने सभी यात्रियों की सुरक्षित यात्रा और आध्यात्मिक रूप से पूर्ण हज की कामना की थी।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से इस वर्ष कुल 3,622 हज यात्री रवाना होंगे जबकि लद्दाख से 242 यात्री हज यात्रा करेंगे। उप राज्यपाल सिन्हा ने हज यात्रा के सफल संचालन में योगदान देने वाले सभी विभागों, एजेंसियों और अधिकारियों के सहयोग की सराहना की थी।
देश में हज कोटा बढ़कर 2025 में 1,75,025 हो गया है
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भारतीय मुसलमानों को वार्षिक हज यात्रा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसके परिणामस्वरूप भारत का हज कोटा 2014 में 1,36,020 से बढ़कर 2025 में 1,75,025 हो गया है। कोटे के अलावा 52,000 से अधिक कोटा निजी टूर ऑपरेटरों को दिया गया है। सऊदी दिशानिर्देशों में बदलाव के कारण 800 से अधिक निजी टूर ऑपरेटरों को 26 कानूनी इकाइयों में समेकित किया गया, जिन्हें संयुक्त हज ग्रुप ऑपरेटर (सीएचजीओ) कहा जाता है।