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केंद्र सरकार की OTT प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी – अश्लील कंटेंट बर्दाश्त नहीं, कानून का सख्ती से पालन करें

केंद्र सरकार की OTT प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी – अश्लील कंटेंट बर्दाश्त नहीं, कानून का सख्ती से पालन करें

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नई दिल्ली, 20 फरवरी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूट्यूब पर अश्लील कंटेंट को लेकर चिंता जताने के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को OTT प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी है कि अश्लील कंटेट बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और वे सख्ती से आचार संहिता का पालन करें। यह फैसला उस समय आया, जब हाल ही में विवादों में घिरे यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ को बंद कर दिया गया।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन कंटेंट पब्लिशर्स और OTT प्लेटफॉर्म्स की स्व-नियामक संस्थाओं को एक एडवाइजरी जारी कर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वे भारत के कानूनों और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया नैतिक संहिता) नियम, 2021 का सख्ती से पालन करें। मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर इसकी जानकारी दी।

मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया, “सांसदों, विभिन्न वैधानिक संगठनों और आम जनता से OTT प्लेटफॉर्म्स व सोशल मीडिया पर अश्लील, अशिष्ट और अभद्र कंटेंट के प्रसार को लेकर शिकायतें मिली हैं। नैतिक संहिता के तहत OTT प्लेटफॉर्म पर ऐसे किसी भी कंटेंट को पब्लिश करने की अनुमति नहीं है, जो कानून के तहत निषिद्ध हो।”

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर हो रहे ‘दुरुपयोग’ पर कड़ी टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि ‘कुछ न कुछ किए जाने की आवश्यकता है।‘ सुप्रीम कोर्ट यह टिप्पणी यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कर रहा था। इलाहाबादिया ने अपने खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज FIRs को क्लब करने की मांग की थी। ये FIRs एक आपत्तिजनक जोक को लेकर दर्ज की गई थीं, जो उन्होंने कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के दौरान एक प्रतियोगी से पूछा था।

इसी मामले में एक दिन पहले संसद की एक समिति ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से कहा कि वह ऐसे मामलों से निबटने में मौजूदा कानूनों के असर और ऑनलाइन मंचों को कानूनी जांच के दायरे में लाने के लिए आवश्यक किसी भी संशोधन पर एक नोट प्रस्तुत करे। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने इस मुद्दे पर मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन को पत्र लिखा है।

इलाहाबादिया को अंतरिम सुरक्षा

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया को एक यूट्यूब शो पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी थी। कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में माता-पिता और यौन संबंध को लेकर टिप्पणी करने के लिए ‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से मशहूर इलाहाबादिया के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

हालांकि, पीठ ने शो पर ‘अस्वीकार्य टिप्पणियों’ के लिए इलाहाबादिया को फटकार लगाई और कहा, “उनके दिमाग में कुछ गंदा है, जो यूट्यूब शो पर उगल दिया गया।” पीठ ने कहा, ‘‘आपने जो शब्द चुने हैं, उनसे माता-पिता शर्मिंदा होंगे, बेटियां-बहनें शर्मिंदा होंगी, आपका छोटा भाई शर्मिंदा होगा, पूरा समाज शर्मिंदा होगा।’’

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