सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संगम में लगाई 11 बार डुबकी, हर डुबकी में छिपा है राज
प्रयागराज, 26 जनवरी। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को संगम में डुबकी लगाई। महाकुम्भ में स्नान के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें संगम में 11 डुबकी लगाने का मौका मिला। भगवान से कामना की कि लोगों के बीच सौहार्द और सद्भाव बना रहे और वे सहनशीलता के साथ आगे बढ़ें।
एक्स पर पोस्ट कर बताया 11 डुबकियों का राज
हालांकि, अखिलेश ने 11 बार डुबकी लगाने के राज के बारे में तब खुलकर नहीं बताया। बाद में एक्स पर पोस्ट करके उन्होंने 11 डुबकी लेने के रहस्य का खुलासा किया। उन्होंने हर डुबकी का अलग-अलग मतलब बताया है।
महाकुंभ के पावन अवसर पर ‘संगम’ में:
एक डुबकी माँ त्रिवेणी को प्रणाम की…
एक डुबकी आत्म-ध्यान की…
एक डुबकी सर्व कल्याण की…
एक डुबकी सबके उत्थान की…
एक डुबकी सबके मान की…
एक डुबकी सबके सम्मान की…
एक डुबकी सर्व समाधान की…
एक डुबकी दर्द से निदान की…
एक डुबकी प्रेम के आह्वान… pic.twitter.com/LN1hLQ1Q0p— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 26, 2025
सपा सरकार ने कम संसाधन में किया था महाकुम्भ का आयोजन
अखिलेश यादव ने संगम में स्नान के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘महाकुम्भ बड़ा आयोजन है। जब सपा की सरकार थी, उस समय हमें महाकुम्भ कराने का मौका मिला था। उस समय हमने कम संसाधन में महाकुम्भ आयोजित किया था।’ उन्होंने कहा, ‘गंगा, यमुना और सरस्वती हमें मिलकर रहने की प्रेरणा देती हैं। लोग यहां बिना प्रचार के अपनी व्यक्तिगत आस्था से आते हैं।’
भाजपा का तंज – लोग यहां दान-पुण्य के लिए आते हैं, किसी ‘वॉटर स्पोर्ट्स’ के लिए नहीं
फिलहाल महाकुम्भ में अखिलेश के संगम स्नान पर भाजपा नेताओं ने तंज कसा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कुम्भ में आएं तो सहनशीलता के साथ स्नान करें। लोग यहां दान-पुण्य के लिए आते हैं, किसी ‘वॉटर स्पोर्ट्स’ के लिए नहीं।
केशव मौर्य बोले – उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुंचाने वाले बयानों से बचेंगे
वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव जी, देर आए दुरुस्त आए। हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुंचाने वाले बयानों से बचेंगे। महाकुम्भ की विशेषता ‘अनेकता में एकता’ है। जो सपाई और कांग्रेसी अब भी महाकुम्भ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे इलाज कराएं या न कराएं, पर महाकुम्भ स्नान जरूर करें।
