पीएम मोदी बोले – एक्ट ईस्ट नीति के लिए सिंगापुर अहम, चौथी पीढ़ी के नेतृत्व को सराहा
सिंगापुर, 5 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ मुलाकात के दौरान सिंगापुर के विकास की तारीफ की और देश में चौथी पीढ़ी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि चौथी पीढ़ी के नेतृत्व में सिंगापुर और तेजी से विकास करेगा।’
उल्लेखनीय है कि लॉरेंस वोंग ने इसी वर्ष मई में ही सिंगापुर के पीएम पद की शपथ ली थी। लॉरेंससत्ताधारी पार्टी पीपल्स एक्शन पार्टी के नेता हैं, जो देश की सत्ता पर बीते पांच दशकों से काबिज है। इस तरह देखा जाए तो वोंग सत्ताधारी पार्टी की चौथी पीढ़ी के नेता हैं।
The discussions with my friend, PM Lawrence Wong continued today. Our talks focused on boosting cooperation in areas like skilling, technology, healthcare, AI and more. We both agreed on the need to boost trade relations. @LawrenceWongST pic.twitter.com/FOSxXQOI3u
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2024
भारत-सिंगापुर के बीच मजबूत हो रहा आपसी सहयोग
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिए भी सिंगापुर अहम देश है। सिंगापुर, विकासशील देशों के लिए प्रेरणास्रोत है।’ दोनों देशों के बढ़ते व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों पर उन्होंने कहा, ‘बीते 10 वर्षों में दोनों देशों के बीच होने वाला व्यापार दोगुने से ज्यादा हो गया है। आपसी निवेश भी तीन गुना बढ़कर 150 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। सिंगापुर ही वो पहला देश है, जहां हमने यूपीआई को लॉन्च किया।’
सिंगापुर में साढ़े तीन लाख प्रवासी भारतीय दोनों देशों के संबंधों का आधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने बीते 10 वर्षों में सिंगापुर की 17 सैटेलाइट को भारत की धरती से लॉन्च किया है। रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों का सहयोग बढ़ रहा है। सिंगापुर एयरलाइंस और एअर इंडिया के बीच बढ़ रहे सहयोग से कनेक्टिविटी भी मजबूत हो रही है। उन्होंने सिंगापुर में रहने साढ़े तीन लाख भारतीय मूल के लोगों को दोनों देशों के संबंधों का आधार बताया। वर्ष 2025 में दोनों देश अपने संबंधों की 60वीं सालगिरह मनाएंगे। इस अवसर पर दोनों देशों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाने की तैयारी है।
दोनों देशों के बीच 4 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए
सिंगापुर शहर में दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के बीच चार समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति जताई। ये समझौता ज्ञापन डिजिटल प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र तथा शैक्षिक सहयोग और कौशल विकास पर केंद्रित हैं।
‘हम भी भारत में अनेक सिंगापुर बनाना चाहते हैं‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम भी भारत में अनेक सिंगापुर बनाना चाहते हैं और हमें खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर कोशिश कर रहे हैं। हमारे बीच जो मंत्रियों की राउंड टेबल की बनी है, वो एक पाथ ब्रेकिंग मैकेनिज्म है। डिजिटलाइजेशन, मोबिलिटी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में इनिशिएटिव की पहचान बन गई है।’
Semiconductors and technology are important facets of India-Singapore cooperation. This is also a sector where India is increasing its presence. Today, PM Wong and I visited AEM Holdings Ltd. We look forward to working together in this sector and giving our youth more… pic.twitter.com/Bdh8nU1w6Y
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2024
सेमीकंडक्टर प्लांट एईएम का दौरा भी किया
प्रधानमंत्री मोदी ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की अग्रणी सिंगापुरी कम्पनी एईएम का दौरा भी किया। उन्हें वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य सीरीज में एईएम की भूमिका, इसके संचालन और भारत के लिए योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। सिंगापुर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन ने सिंगापुर में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और भारत के साथ सहयोग के अवसरों पर जानकारी दी।