अयोध्या रेप केस : अखिलेश यादव के बाद फैजाबाद के सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी की डीएनए टेस्ट की मांग
लखनऊ, 3 अगस्त। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के बाद अब फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी अयोध्या रेप केस में यह कहते हुए डीएनए टेस्ट की मांग की है कि किसी निर्दोष को न फंसाया जाए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़िता और उसके परिवार के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ी है।
बुलडोजर से ध्वस्त की गई आरोपित सपा नेता मोईद खान की बेकरी
गौरतलब है कि अयोध्या के भदरसा में नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आने के बाद योगी सरकार ने कठोर कदम उठाया है। इस क्रम थानेदार और चौकी प्रभारी के निलंबन के बाद रेप केस का आरोपित सपा नेता मोईद खान की बेकरी शनिवार को अधिकारियों की मौजूदगी में बुलडोजर से ध्वस्त कर दी गई।
दुष्कर्म पीड़िता 12 वर्षीया बच्ची की मां ने विधायक अमित सिंह चौहान के साथ शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी और उन्हें घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद ही सरकारी अमला तुरंत हरकत में आया और मोईद खान के खिलाफ बुलडोजर एक्शन हो गया।
बलात्कारियों से यारी, सपाइयों की रही है पुरानी
दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों के आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने वाली समाजवादी पार्टी का असली चेहरा एक बार फिर देखने को मिल रहा है। अयोध्या में नाबालिग से बलात्कार करने का आरोपी ही अखिलेश यादव के सबसे करीबी सांसद का शागिर्द है,… pic.twitter.com/tlhreYalZx
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) August 3, 2024
अवधेश प्रसाद का करीबी बताया जाता है मोईद खान
भाजपा की तरफ से अवधेश प्रसाद के साथ जारी की गई आरोपित मोई खान की तस्वीर के मुद्दे पर सपा सांसद ने कहा, ‘रोज कम से कम 500 लोग मेरे साथ फोटो खिंचवाते हैं। हम फोटो को कैसे नकार सकते हैं। जहां तक इस घटना का सवाल है, तो यह बहुत ही दर्दनाक और शर्मनाक है। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए, शब्द कम पड़ जाएंगे। इस घटना से संबंधित जो भी लोग हैं, उनकी विवेचना की जाए, सत्य का पता लगाया जाए और जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ सख्ती के साथ काररवाई होनी चाहिए। इस दिशा में पुलिस को भी चाहिए कि किसी भी दबाव में न आकर दूध का दूध और पानी का पानी अलग करे।’
‘मामले को और स्पष्ट करने के लिए डीएनए टेस्ट करा लिया जाए‘
अवधेश प्रसाद ने कहा, ‘जहां तक पीड़िता का सवाल है, हम और हमारी पार्टी पूरी तरह से उसके साथ खड़े हैं। आज अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी इस पर राजनीति कर रही है। मेरा विनम्रतापूर्वक ऐसे लोगों से निवेदन है कि ये राजनीति का मौका नहीं है, संवेदना का है। दर्दनाक घटना हुई है, उसे न्याय दिलाने के लिए लगें और जो भी दोषी है, उसके खिलाफ काररवाई की जाए। निर्दोष को फंसाया न जाए। इसे और स्पष्ट करने के लिए डीएनए टेस्ट करा लिया जाए।’
अखिलेश यादव ने भी की डीएनए टेस्ट की मांग
इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या रेप केस पर कहा था कि जिन पर भी आरोप लगा है, उसका डीएनए टेस्ट होना चाहिए और इंसाफ किया जाना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि इस केस में सिर्फ आरोप लगाकर सियासत नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी है, उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए।
कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका DNA TEST कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर DNA TEST के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए।…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 3, 2024
मायावती ने पूछा – सपा शासन के दौरान ऐसे कितने परीक्षण किए गए थे
वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार को बसपा प्रमुख मायावती का समर्थन मिला है। मोईद खान की गिरफ्तारी के बाद मायावती ने शनिवार को कहा कि अयोध्या सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपितों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त काररवाई उचित है। बसपा प्रमुख ने डीएनए परीक्षण पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी पर भी सवाल उठाया और अखिलेश यादव को घेरते हुए पूछा, ‘सपा सरकार में ऐसे आरोपितों के खिलाफ कितने डीएनए टेस्ट हुए हैं?’
2. साथ ही, यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था में भी ख़ासकर महिला सुरक्षा व उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिन्ताओं के बीच अयोध्या व लखनऊ आदि की घटनाएं अति-दुखद व चिन्तित करने वाली। सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी एवं राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कदम उठाए तो बेहतर। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) August 3, 2024
मायावती ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि सपा द्वारा यह कहने का क्या मतलब निकाला जाए कि आरोपितों का डीएनए टेस्ट कराया जाए। वहीं एसपी को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने कितने डीएनए टेस्ट कराए हैं। बसपा चीफ ने सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जाति, समुदाय और राजनीतिक पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर सख्त कदम उठाने का आग्रह किया।