दादा को ‘भारत रत्न’ मिलने पर भावुक हुए जयंत चौधरी, भाजपा से गठबंध के सवाल पर बोले – ‘आज मैं किस मुंह से इनकार करूं…’
नई दिल्ली, 9 फरवरी। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिये जाने की मोदी सरकार की घोषणा के बाद चौधरी साहब के पौत्र व राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी काफी भावुक दिखे। जयंत ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और जब उनसे भाजपा नीत NDA में शामिल होने के सवाल पर पत्रकारों ने सवाल किया, तो उनका जवाब था -‘कुछ कसर रहती है, आज मैं किस मुंह से इनकार करूं आपके सवालों का।’
‘पीएम मोदी देश की नब्ज को समझते हैं‘
जयंत चौधरी ने कहा, ‘आज देश के लिए बड़ा दिन है। मैं भावुक हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करता हूं। देश उनका शुक्रिया अदा करता है। प्रधानमंत्री मोदी देश की नब्ज को समझते हैं। आज कमेरा वर्ग, किसान और मजदूरों का सम्मान किया जा रहा है। यह करने की क्षमता और किसी सरकार में नहीं रही। मुझे आज मेरे पिता अजीत सिंह की याद आ गई। मैं कितनी सीटें लूंगा, इस बात पर ध्यान ना दें। अब मैं किस मुंह से इनकार करूं। मैं अपना कुछ डिलीट नहीं करूंगा। जैसी राजनीतिक परिस्थिति रहती है, मैं अपनी बात को आगे रखता हूं।’
दिल जीत लिया! #BharatRatna https://t.co/Ns0CraJ7yI
— Jayant Singh (@jayantrld) February 9, 2024
दो-तीन दिनों में हो सकता है गठबंधन का एलान
आरएलडी अध्यक्ष के बयानों से स्पष्ट हो गया कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से नाता तोड़ा RLD का NDA से जुड़ाव पर मुहर लग चुकी है। सूत्रों के अनुसार दो-तीन दिनों में गठबंधन का एलान कर दिया जाएगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि आरएलडी दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ये दो सीटें बागपत और बिजनोर होंगी। इसके अलावा, जयंत चौधरी की पार्टी RLD को एक राज्यसभा सीट भी दी जाएगी।
गौरतलब है कि विपक्षी दल लगातार दावा कर रहे हैं कि जयंत चौधरी और उनकी पार्टी RLD ‘इंडिया’ ब्लॉक का हिस्सा है और आम चुनाव में मिलकर लड़ेंगे। हालांकि, जयंत ने इस संबंध में चुप्पी साध रखी है। दरअसल, उन्होंने अपने दरवाजे दोनों तरफ खोल रखे थे।
पिछले चुनाव में RLD को एक भी सीट नहीं मिली थी
पश्चिमी यूपी को जाट, किसान और मुस्लिम बाहुल्य इलाका माना जाता है। यहां लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं और 2019 के चुनाव में भाजपा ने इनमें 19 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि आठ सीटों पर विपक्षी गठबंधन ने कब्जा किया था। इनमें चार सपा और चार बसपा के खाते में आई थी। लेकिन, आरएलडी को किसी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई थी। यहां तक कि जयंत को पश्चिमी यूपी में जाट समाज का भी साथ नहीं मिला था। वैसे, 2014 के चुनाव में भी जयंत को निराशा हाथ लगी थी और एक भी सीट नहीं मिली थी