सीएम सिद्धारमैया का दिल्ली कूच : कर्नाटक सरकार बुधवार को केंद्र के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगी
बेंगलुरु, 6 फरवरी। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व में कर्नाटक सरकार ने बुधवार को दिल्ली कूच का फैसला किया है, जहां वह भाजपा नीत केंद्र सरकार के अन्यायपूर्ण रवैये के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगी। दरअसल, सिद्धारमैया सरकार ने केंद्र पर पिछले कुछ वर्षों में कर अंतरण और अनुदान सहायता में राज्य के साथ ‘अन्याय’ का आरोप लगाते हुए इस विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है।
आसन्न लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रियों सहित राज्य के सभी कांग्रेस विधायकों और सांसदों का विरोध प्रदर्शन बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर शुरू होगा। सिद्धारमैया सरकार इस प्रदर्शन के दौरान केंद्र से 15वें वित्त आयोग के तहत बीते पांच वर्षों के दौरान कर्नाटक को हुए 1.87 लाख करोड़ रुपये के कथित नुकसान की भरपाई करने की मांग करेगी।
राज्य की चिंताओं की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना प्रदर्शन का उद्देश्य
सिद्धरमैया ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य राज्य की चिंताओं की ओर केंद्र सरकार और देश के लोगों का ध्यान आकर्षित करना है। उन्होंने कहा है कि अब तक राज्य ने कभी भी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन ‘अपरिहार्य कारणों’ के चलते अब ऐसा करने की स्थिति आ गई है।
Rallying against the Central Government's economic disparities, we call for unity in 'Chalo Delhi' tomorrow at 11 AM, Jantar Mantar. We stand against the unfair treatment in tax devolution and grants for Kannadigas. This movement is for Karnataka's rights, not against any… pic.twitter.com/LB8KnHFCQP
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) February 6, 2024
सिद्धारमैया ने राज्य के भाजपा नेताओं से भी प्रदर्शन में शामिल होने का किया आग्रह
सीएम सिद्धारमैया ने विपक्षी भाजपा और उसके जनप्रतिनिधि, विशेष रूप से राज्य के सांसदों से कर्नाटक के हित में आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया क्योंकि यह संघर्ष राज्य के साथ हुए ‘अन्याय’ के खिलाफ है, न कि भाजपा के खिलाफ। उन्होंने भाजपा सहित कर्नाटक के सभी सांसदों को पत्र लिखकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का अनुरोध किया है।
निर्मला सीतारमण और प्रह्लाद जोशी भी आमंत्रित
उन्होंने राज्य से केंद्रीय मंत्रियों – निर्मला सीतारमण (राज्यसभा सदस्य) और प्रह्लाद जोशी को भी आमंत्रित किया है। यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस के बेंगलुरु ग्रामीण से अपने सांसद डी के सुरेश द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को उचित ठहराने के प्रयासों के बीच आया है, जिन्होंने पिछले सप्ताह दावा किया था कि दक्षिण से एकत्र किए गए करों को उत्तर भारत में वितरित किया जा रहा है और दक्षिणी राज्यों को उनका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा था कि यदि ‘अन्याय’ को ठीक नहीं किया गया तो दक्षिणी राज्य एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए बाध्य होंगे।
कर्नाटक जैसे राज्यों के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने यह स्पष्ट किया कि वह या उनकी सरकार केंद्र द्वारा ‘गरीब’ या विकास की कमी वाले उत्तरी राज्यों को अधिक धन देने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक जैसे राज्यों के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए। दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का यह कदम ऐसे समय आया है जब कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर एक वर्ग ने प्रस्ताव दिया है कि सिद्धरमैया केंद्र से संसाधनों के समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए दक्षिणी राज्यों का एक मंच बनाने का नेतृत्व करें, जिसमें विभाज्य पूल से करों का हस्तांतरण भी शामिल है।
कांग्रेस पार्टी और आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रस्ताव पर अब तक कोई गंभीर चर्चा या निर्णय नहीं हुआ है, जिसका उद्देश्य संघीय ढांचे को मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि दक्षिणी राज्यों को अपनी बात कहने का अधिकार हो। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य क्षेत्रीय गौरव और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा राज्य के साथ ‘अन्याय’ का मुद्दा उठाकर भाजपा का मुकाबला करना भी है।
कर्नाटक के साथ ‘सौतेला‘ व्यवहार करने का पहले भी आरोप लगाते रहे हैं सिद्धारमैया
दरअसल, केंद्र सरकार पर कर्नाटक के साथ ‘सौतेला’ व्यवहार करने और संघीय ढांचे का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाते हुए सिद्धरमैया ने राज्य में भाजपा नेताओं और इसकी पिछली सरकार पर केंद्र की नीतियों के कारण राज्य के साथ हुए अन्याय को दूर करने के लिए कुछ नहीं करने के लिए बार-बार निधाना साधा है। उन्होंने कहा था कि भाजपा के 27 लोकसभा सदस्य (एक निर्दलीय और जदएस के एक सहित) उनके पक्ष में होने के बावजूद, उन्होंने संसद या सरकार के सामने अपना मुंह नहीं खोला है। राजग सरकार में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों ने भी राज्य की चिंताओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बात नहीं की है।
क्या वित्त आयोग की स्वायत्तता केवल ‘भाजपा के अधीन एक मुखौटा‘ है?
सिद्धरमैया ने संसद में वित्त मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सवाल किया कि क्या वित्त आयोग की स्वायत्तता केवल ‘भाजपा के अधीन एक मुखौटा’ है। उन्होंने कहा, ‘आयोग की सलाह के बावजूद कर्नाटक के लिए विशेष अनुदान में 5,495 करोड़ रुपये की अस्वीकृति, घटते सहायता अनुदान और बजटीय धन आवंटन नहीं किए जाने से यह सवाल उठता है कि क्या वित्त आयोग की स्वायत्तता भाजपा के तहत महज एक दिखावा है?’
वित्त मंत्री निर्मला ने सिद्धारमैया के आरोपों को किया खारिज
हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को खारिज किया है कि केंद्र कर्नाटक सहित गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए धनराशि रोक रहा है। उन्होंने कहा है कि यह एक राजनीतिक रूप से विकृत विमर्श है, जिसका उल्लेख निहित स्वार्थी तत्व करते हैं।
यह विरोध एक ‘राजनीतिक स्टंट’ – बसवराज बोम्मई
सीतारमण ने कहा, ‘यह आशंका कि कुछ राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, एक राजनीतिक रूप से विकृत विमर्श है। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निहित स्वार्थी तत्व ऐसा कहते हुए खुश हो रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कोई भी केंद्रीय वित्त मंत्री वित्त आयोग की सिफारिशों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि विरोध एक ‘राजनीतिक स्टंट’ है, जिसका उद्देश्य राज्य कांग्रेस सरकार की गलतियों से ध्यान भटकाना है।
केरल के सीएम विजयन अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ 8 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे
इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एवं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ आठ फरवरी को दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित लापरवाही के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ममता बनर्जी का शुक्रवार को कोलकाता में विरोध प्रदर्शन
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कथित तौर पर उनके राज्य का बकाया, विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोके जाने के लिए केंद्र के खिलाफ शुक्रवार को कोलकाता में विरोध प्रदर्शन करेंगी।